Char Dham Yatra 2025: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 का आगाज 30 अप्रैल से होने जा रहा है. यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार और लोक निर्माण विभाग (PWD) पूरी तरह सक्रिय हो गया है. विभाग ने यात्रा मार्गों की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार कर ली है और चिन्हित स्थानों पर सुधार कार्य जल्द शुरू किए जाएंगे. इस बार विशेष रूप से सड़क सुरक्षा, डेंजर जोन और भूस्खलन वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े.
चारधाम यात्रा मार्गों की स्थिति को परखने के लिए लोक निर्माण विभाग के अपर सचिव ने टिहरी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों का दौरा किया. निरीक्षण के दौरान सड़कों की मरम्मत, चौड़ीकरण, डेंजर जोन को सुरक्षित करने और अन्य आवश्यक कार्यों की पहचान की गई. इन रिपोर्ट्स को अन्य संबंधित विभागों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ साझा किया गया है, ताकि यात्रा से पहले सभी कार्य पूरे किए जा सकें.
चारधाम यात्रा शुरू होने से एक हफ्ते पहले काम पूरा करने का लक्ष्य
लोक निर्माण विभाग केवल राज्य स्तरीय एजेंसियों के साथ ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ भी समन्वय बनाकर काम कर रहा है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO), नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग एवं आधारभूत संरचना विकास निगम (NHIDCL) के साथ बैठकें की जा रही हैं. इसका उद्देश्य है कि चारधाम यात्रा शुरू होने से कम से कम एक सप्ताह पहले सभी जरूरी मरम्मत और सुधार कार्य पूरे कर लिए जाएं.
चारधाम यात्रा के मुख्य मार्गों में ऋषिकेश से गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ तक के रास्तों का विशेष निरीक्षण किया गया है.साथ ही, इन मार्गों से जुड़े अन्य जिलों की सड़कों को भी बेहतर बनाने की योजना है. जनवरी 2025 से ही धामी सरकार यात्रा की तैयारियों में जुटी हुई है, लेकिन यात्रा के लिए सबसे जरूरी पहलू सड़क मार्गों की स्थिति को मजबूत करना है.
तेजी से हो रहा सड़क चौड़ी करण का काम
लोक निर्माण विभाग ने डेंजर जोन और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की पहचान कर ली है. इन स्थानों पर सुरक्षा दीवारों, रिटेनिंग वॉल और बैरिकेडिंग का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा, यात्रा मार्गों पर सड़क किनारे रेलिंग लगाने और संकेत बोर्डों की संख्या बढ़ाने का भी फैसला लिया गया है. यात्रा मार्गों की बेहतरी के लिए विभागीय अधिकारियों ने खुद मौके पर जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया है. चारधाम यात्रा मार्ग के महत्वपूर्ण स्थानों पर भूस्खलन नियंत्रण, पुलों की मजबूती और सड़क चौड़ीकरण पर तेजी से काम किया जा रहा है.
चारधाम यात्रा उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा है, जिसमें हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंचते हैं.पिछली यात्राओं के दौरान सामने आई समस्याओं और अनुभवों के आधार पर इस बार पहले से ही जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं.
लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडेय ने कहा, “चारधाम यात्रा को लेकर हमारी पहली प्राथमिकता यात्रा मार्ग को पूरी तरह सुरक्षित और सुगम बनाना है. यात्रियों की सुविधा के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं. हमने विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर दो राउंड की बैठकें कर ली हैं और कई योजनाओं पर काम शुरू हो चुका है.यात्रा मार्ग को चकाचक बनाने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है.
चारधाम यात्रा 2025 के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए उत्तराखंड सरकार और लोक निर्माण विभाग पूरी तरह मुस्तैद है. सड़कों की मरम्मत और सुरक्षा को लेकर किए जा रहे ये प्रयास यात्रियों के सफर को सुखद, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएंगे.सरकार का लक्ष्य है कि चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो और यह यात्रा एक यादगार अनुभव बने.
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