car or bike which vehicle causes more pollution know health risks

दिवाली आते ही दिल्ली की आबोहवा एक बार फिर खराब होने लगी है. सरकार ने पाबंदियां लगानी शुरू कर दी है. इस बार भी पिछली बार की दिवाली की तरह ज्यादा पॉल्यूशन होने की आशंका है. राजधानी की हवा जहरीली होने का सबसे बड़ा कारण आतिशबाजी, पराली और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है.

दिवाली आते ही दिल्ली की आबोहवा एक बार फिर खराब होने लगी है. सरकार ने पाबंदियां लगानी शुरू कर दी है. इस बार भी पिछली बार की दिवाली की तरह ज्यादा पॉल्यूशन होने की आशंका है. राजधानी की हवा जहरीली होने का सबसे बड़ा कारण आतिशबाजी, पराली और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है.

राज्य में इतने ज्यादा वेहिकल्स हैं, कि कुछ साल पहले तो ऑड-ईवन फॉर्मूला तक लाना पड़ा था. दरअसल, वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण (Pollution) वातावरण ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बड़ा खतरा है. कार और बाइक दोनों से प्रदूषण होता है. ऐसे में आइए जानते हैं दोनों में से किससे निकलने वाला पॉल्यूशन ज्यादा खतरनाक है...

राज्य में इतने ज्यादा वेहिकल्स हैं, कि कुछ साल पहले तो ऑड-ईवन फॉर्मूला तक लाना पड़ा था. दरअसल, वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण (Pollution) वातावरण ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बड़ा खतरा है. कार और बाइक दोनों से प्रदूषण होता है. ऐसे में आइए जानते हैं दोनों में से किससे निकलने वाला पॉल्यूशन ज्यादा खतरनाक है…

पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों से कार्बन मोनो ऑक्साइड निकलकर हवा में घुसती है, जो सेहत के लिए हानिकारक होती है. इसके अलावा कार्बन, सल्फर डाई ऑक्साइट और नाइट्रोजन ऑक्साइड भी ज्यादा मात्रा में निकलती है, जिसका असर सेहत पर खतरनाक होता है. इससे सांस संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं

पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों से कार्बन मोनो ऑक्साइड निकलकर हवा में घुसती है, जो सेहत के लिए हानिकारक होती है. इसके अलावा कार्बन, सल्फर डाई ऑक्साइट और नाइट्रोजन ऑक्साइड भी ज्यादा मात्रा में निकलती है, जिसका असर सेहत पर खतरनाक होता है. इससे सांस संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं

सबसे ज्यादा पॉल्यूशन भारी वाहनों से फैलता है. इसके बाद बाइक का नंबर आता है. पेट्रोल-डीजल की कारों को मिलाकर उतना प्रदूषण नहीं निकलता, जितना बाइक फैलाती है. इसका खुलासा द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (टेरी) और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया में हुए एक स्टडी में इसका खुलासा हुआ है.

सबसे ज्यादा पॉल्यूशन भारी वाहनों से फैलता है. इसके बाद बाइक का नंबर आता है. पेट्रोल-डीजल की कारों को मिलाकर उतना प्रदूषण नहीं निकलता, जितना बाइक फैलाती है. इसका खुलासा द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (टेरी) और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया में हुए एक स्टडी में इसका खुलासा हुआ है.

इंटरनेशनल काउंसिल फार क्लीन ट्रांसपोर्टेशन (ICCT) के एक स्टडी के मुताबिक, 2021 में पेट्रोल की खपत का 70% सड़क परिवहन और 25% टू-व्हीलर्स में इस्तेमाल हुआ. स्टडी में बताया गया कि अगर पेट्रोल से चलने वाले टू-व्हीलर्स की संख्या बढ़ती जाए तो 2050 तक जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता दोगुनी से भी कहीं ज्यादा हो जाएगी.

इंटरनेशनल काउंसिल फार क्लीन ट्रांसपोर्टेशन (ICCT) के एक स्टडी के मुताबिक, 2021 में पेट्रोल की खपत का 70% सड़क परिवहन और 25% टू-व्हीलर्स में इस्तेमाल हुआ. स्टडी में बताया गया कि अगर पेट्रोल से चलने वाले टू-व्हीलर्स की संख्या बढ़ती जाए तो 2050 तक जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता दोगुनी से भी कहीं ज्यादा हो जाएगी.

गाड़ियों के प्रदूषण से बचने के तरीके : 1. इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इस्तेमाल करें. 2. पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल ज्यादा करें. 3. कार पूलिंग कर सकते हैं. 4. बाइक की बजाया साइकिल से चलें. 5. कार-बाइक का मेंटेनेंस सही रखें.

गाड़ियों के प्रदूषण से बचने के तरीके : 1. इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इस्तेमाल करें. 2. पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल ज्यादा करें. 3. कार पूलिंग कर सकते हैं. 4. बाइक की बजाया साइकिल से चलें. 5. कार-बाइक का मेंटेनेंस सही रखें.

Published at : 24 Oct 2024 05:47 PM (IST)

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