Cyclone Dana storm going to worsen weather of Odisha Coast and West Bengal know astrological prediction

Cyclone Dana, Odisha Coast: दाना चक्रवाती तूफान तेजी से भारत के तटों की तरफ बढ़ रहा है. दाना तूफान आज रात तक ओडिशा के तट पर टकरा सकता है. तूफान के लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं, मौसम विभाग के अलर्ट के बाद खतरे से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे है.

मौसम जानकार की मानें तो दाना चक्रवाती तूफान का असर पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार और झारखंड में दिखाई देगा. तूफान 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा की ओर आ रहा है. ज्योतिष के अनुसार ये तूफान शक्तिशाली है, और इसका प्रभाव धीरे-धीरे कम होगा. समुद्र में ऊंची लहरें उठती दिखाई देंगी.

सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) के बाद ही इस तरह की ज्योतिषीय भविष्यवाणी की जा रही थीं कि आने वाले दिनों में तूफान, चक्रवाद और भारी वर्षा जैसी स्थितियां बन सकती हैं. वर्षा, तूफान, चक्रवात आदि का पता लगाने के लिए ज्योतिष शास्त्र की ऋतु-विज्ञान की शाखा में कई सूत्र बताए गए हैं. ग्रह- नक्षत्रों की स्थिति की गणना के आधार पर वर्षा-तूफान आदि की भविष्यवाणी की जाती है.

अनुमान लगाया जा रहा है कि दाना तूफान आज रात तक या 25 अक्टूबर 2024 को पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटों से टकरा सकता है.  इस तूफान को समझने के लिए 24 और 25 अक्टूबर के पंचांग के जानते हैं-

पंचांग के अनुसार 24 अक्टूबर 2024 को पुष्य नक्षत्र रहेगा. 25 अक्टूबर को 7 बजकर 40 मिनट के बाद आश्लेषा नक्षत्र प्रारंभ होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह है, इस नक्षत्र का स्वभाव अंध बताया गया है, वहीं आश्लेषा नक्षत्र का स्वामी सर्प है, इसका स्वभाव मंदलोचन है. इसलिए माना जा रहा है कि ये तूफान कुछ क्षेत्र को अधिक प्रभावित कर सकता है. 26 अक्टूबर को इसके तेवरों में कमी देखने को मिलेगी. देव गुरु बृहस्पति के कारण कुशल आपदा प्रबंधन से नुकसान को कम करने में विशेष सफलता मिलेगी.  

वर्षा विज्ञान के अनुसार कार्तिक मास में मौसम में होने वाले बदलाव में सूर्य, शनि, मंगल और शुक्र ग्रह विशेष भूमिका निभाते हैं. वर्षा विज्ञान में सप्तनाड़ी चक्र से तूफान आदि की स्थिति ज्ञात की जाती है. बीते 17 अक्टूबर 2024 को ग्रहों के राजा सूर्य तुला राशि में आए थे जो इनकी नीच राशि है. वहीं 20 अक्टूबर 2024 को मंगल ग्रह ने कर्क राशि में गोचर किया था. कर्क राशि मंगल की नीच राशि है.

24-25 अक्टूबर को मंगल की स्थिति में सबसे अधिक हलचल देखी जा रही है. मंगल ग्रह जल तत्व की राशि कर्क में नीच होकर गोचर कर रहा है. जहां पर चंद्रमा के साथ युति बना रहा है. मंगल जहां आग, आवेश, क्रोध, सेना, पुलिस आदि का कारक है, वहीं चंद्रमा मन, माता, चंचलता,भय, घबराहट, तनाव आदि का कारक है. 

इन सभी स्थितियों से स्पष्ट होता है कि दाना तूफान भय और तनाव पैदा कर रहा है. ये तेज गति से भारतीय तट से टकराएगा. लेकिन सेना और प्रशासनिक स्तर पर किए गए प्रयासों से इससे होने वाली हानि बहुत कम होगी. शारदीय नवरात्रि में इस बार मां दुर्गा की सवार पालकी यानि डोली थी. ऐसी मान्यता है कि जब माता की सवारी पालकी होती है तो प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिलती है. वहीं 2 अक्टूबर 2024 को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगा था ये ग्रहण चंद्र ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद लगा था. ज्योतिष के अनुसार 15 दिन में जब दो ग्रहण लगते हैं तो मौसम में बदलाव, बेमौसम बरसात, तूफान, चक्रवात आने की संभावना बढ़ जाती है.

शनि दिवाली के बाद 15 नवंबर 2024 को शनि मार्गी हो जाएंगे. शनि मार्गी (Shani Margi) होने के बाद मौसम में तेजी से बदलाव देखने मिल सकता है, इस बार अधिक सर्दी पड़ सकती है. वर्तमान समय में शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि, कुंभ में वक्री (Shani Vakri 2024) होकर गोचर कर रहा है.

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