Braj Ki Holi 2025 banke Bihari will enjoy thandai jalebi chaat and special bhog on rangotsav ann

Braj Ki Holi 2025: विश्व प्रसिद्ध ब्रज की होली की शुरुआत बसंत पंचमी से हो जाती है और प्रमुख कार्यक्रम अलग-अलग स्थान और पारंपरिक अंदाज में होते हैं. भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा वृंदावन में विशेष आयोजन की धूम है. होली के विशेष आयोजन पर चारों ओर रंग गुलाल उड़ रहा है. आस्था है कि इस अवसर पर खुद भगवान श्रीकृष्ण गर्भ गृह से निकलकर भक्तों के साथ होली खेलते हैं.

बांके बिहारी के लिए बनेगी स्पेशल ठंडाई

इन दिनों ब्रज क्षेत्र में आने वाले भक्त भक्ति के रंग में तो नजर आते ही है पर इसके साथ ही होली का रंग भी भक्तों के सिर चढ़ रहा है. मथुरा, वृदांवन, बरसाना आने वाले भक्त रंग गुलाल के रंग में रंगे हुए हैं. ब्रज की होली के अनेकों रंग और अंदाज हैं और होली के अवसर पर विशेष आयोजन के साथ-साथ ठाकुर बांके बिहारी लाल का भोग भी विशेष होता है. जब होली का त्योहार आता है तो होली के साथ-साथ ही ठंडाई के स्वाद भी याद आता है और ठंडाई का स्वाद ठाकुर बांके बिहारी को भी पसंद है.

ठंडाई के साथ चाट, जलेबी, रबड़ी का स्वाद चखेंगे बांके बिहारी

होली के अवसर ठाकुर बांके बिहारी लाल को ठंडाई का भोग लगाया जाता है. ठाकुर बांके बिहारी के भोग के लिए विशेष ठंडाई बनाई जाती है, जिसका भोग लगाया जाएगा. केवल ठंडाई ही नहीं इसके साथ ही वृंदावन की मशहूर चाट, जलेगी, रबड़ी का भी भोग लगता है. होली पर इस बार भी भगवान ठाकुर बांके बिहारी के भोग के लिए विशेष रूप से ठंडाई तैयार होगी जिसमें बादाम, किशमिश, पिस्ता, काजू, मुनक्का, इलायची, दूध, रबड़ी, काली मिर्च, कुलकंद, क्रीम आदि सामग्री मिलाकर तैयार किया जाएगा जिसका भोग रंगोत्सव के दौरान ठाकुर बांके बिहारी को 5 दिन में 15 बार लगाया जाएगा. साथ ही वृंदावन की चाट भी होली के अवसर पर भोग में शामिल होगी. ऐसे में कह सकते हैं कि ठाकुर बांके बिहारी ठंडाई का स्वाद लेकर भक्तों के साथ होली खेलेंगे और जमकर रंग अबीर गुलाल उड़ेगा. 

ब्रज में होली की धूम है और रंगोत्सव पर विशेष आयोजन की तैयारी भी पूरी है. ब्रज में होली की शुरुआत तो बसंत पंचमी से ही होती है पर पारंपरिक आयोजन के लिए विशेष तैयारी की जाती है. तो हो जाइए तैयार भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा वृंदावन होली खेलने के लिए. वृंदावन, बरसाना, मथुरा, नंदगांव, गोकुल, गोवर्धन, बल्देव दाऊजी, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित पूरे ब्रज क्षेत्र में गुलाल उड़ रहा है. भक्त होली के रंगों में रंगे नजर आ रहे हैं. ब्रज की होली के रंग और अंदाज ही अलग है जिसका नजारा केवल आपको ब्रज में ही देखने को मिल सकता है.

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