
श्रीराम और सीता माता ने अपने जीवन मे भले ही कई मुश्किलों का सामना किया. लेकिन भगवान राम और माता सीता की जोड़ी को आदर्श जोड़ी माना जाता. वह दोनों आदर्श जीवनसाथी माने जाते हैं.

माता सीता शादी से पहले महलों में रहती थी, शादि के कुछ समय बाद तक उन्हें राजयोग मिला लेकिन वनवास पर उन्होंने अपने पति के साथ जानें का फैसला किया और एक पल में राजसुख त्याग दिया.

माता सीता और श्रीराम ने एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा और सदा ही प्रेम एवं विश्वास से एक दूसरे का साथ दिया.

जब रावण अपहरण करके लंका ले गए थे तो माता सीता को भरोसा था कि राम जी उन्हें लेने जरूर आएंगे. इसी भरोसे ने उनको मजबूती दी. पति-पत्नी में भरोसा सबसे अहम नीव है.

वैवाहिक जीवन में सुखी रहना है तो पति-पत्नी के बीच ईमानदारी, प्रेम जरुर होना चाहिए. तभी रिश्ता लंबे समय तक चलता है. ये दोनों ही माता सीता और श्रीराम के अटूट रिश्ते का प्रतीक है.

इस साल विवाह पंचमी पर पति-पत्नी मिलकर श्रीराम की पूजा करने और अपने सुखी वैवाहिक जीवन की कामना कर, इन बातों पर अमल करने की कोशिश करें.
Published at : 06 Dec 2024 11:40 AM (IST)
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