
उनकी बेटी काजल (24) ने पूरे दिन उन्हें परामर्श के लिए क्लिनिक के सेक्शन में ले जाने में मदद की. उसने कहा पिछले हफ़्ते में उनके लक्षण बढ़ गए थे. इसलिए मैं उन्हें यहां लेकर आई. उन्होंने कहा कि उनकी हालत – गंभीर सांस लेने की समस्या और भारी खांसी – तेजी से बिगड़ गई है, और उन्हें विशेष क्लिनिक में भागना पड़ा.

क्लिनिक में 46 वर्षीय अजय भी बैठे हैं. जो सिर्फ़ एक नाम से जाने जाते हैं. बिहार के मूल निवासी अजय ने बताया कि वे 15 साल पहले काम के लिए दिल्ली आए थे. लेकिन अब उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ रही है.

अमीर लोगों की तरह मैं अपने परिवार को प्रदूषण से बचाने के लिए एयर प्यूरीफायर या कार नहीं खरीद सकता. मेरे बच्चे यहीं पढ़ते हैं, इसलिए हमारे पास रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. लेकिन हम अपने स्वास्थ्य की खातिर शहर छोड़ने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं.

वे प्रदूषण जनित रोग निवारण केंद्र में आने वाले कई रोगियों में से कुछ हैं. प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य स्थितियों के लिए समर्पित अपनी तरह का पहला क्लिनिक. अक्टूबर 2023 से चालू, यह आरएमएल अस्पताल में एक विशेष सुविधा है जो चार विभागों के माध्यम से प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को संबोधित करती है. श्वसन, त्वचा विज्ञान, नेत्र देखभाल और मनोचिकित्सा.

क्लिनिक सोमवार को साप्ताहिक रूप से केवल दो घंटे चलता है, लेकिन अधिकारी रोगियों की संख्या बढ़ने पर इसके घंटे और दिन बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं.

क्लिनिक में आने वाले लोगों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है. साप्ताहिक 10 से कम मरीज़ों से लेकर दिवाली के बाद से लगभग 20-30 तक यह प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए जीवन रेखा बन गया है.सोमवार को क्लिनिक के दरवाज़े खुलने से पहले ही विभिन्न आयु समूहों के मरीज़ आ चुके थे और बाहर इंतज़ार कर रहे थे.
Published at : 19 Nov 2024 07:29 PM (IST)
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