मुजफ्फरनगरः 650 रुपये के लिए दांव पर थी जिंदगी, 2 ने दम तोड़ा, मौत के मुंह से लौटीं 18 जानें. देखे तस्वीरें…

मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर जनपद के जानसठ में तालड़ा मोड़ पर शाम पांच बजे दुकानों का लिंटर गिरा तो दूर तक धमाका सुना गया। आसपास के मकानों तक कंपन पहुंचा। लोग अपने मकानों की छत पर चढ़ गए। मलबे में दबे मजदूरों की आधी रात तक तलाश चलती रही। जिंदगी बचाने की जद्दोजहद जारी रही।

सात घंटे चले राहत कार्य में 15 मजदूरों को बचाया गया। वहीं देर रात मलबे में फंसे आखिरी मजदूर को भी घायल अवस्था में बाहर निकाल लिया गया, जबकि दो मजदूर मसाला बनाने के लिए बाहर थे सो बच गए। हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई। बताया गया कि ठेकेदार की ओर से मजदूर को एक दिन के लिए 650 रुपये मजदूरी और रोटी दी जाती थी। तीन हजार फीट का लिंटर था।

राहत के साथ हादसे की वजह तलाशी जा रही थीं। पानीपत-खटीमा हाईवे पर चल रहे रोड रोलर की दलक से दुकानों में लगाए गए जैक का संतुलन बिगड़ गया। कुछ ही पल में लिंटर नीचे गिरा तो दूर तक शोर सुना गया। एकाएक किसी की समझ में कुछ नहीं आया। लोग अपनी दुकानों और मकानों की छत पर चढ़कर देखने लगे।

इस दौरान तालड़ा मोड़ की ओर से शोर मचा तो लोग मदद के लिए दौड़े। राहत का कार्य शाम पांच से आधी रात तक जारी रहा। मलबे में फंसे मजदूर बिंकेश को राज ढाई बजे के करीब बाहर निकाला जा सका। एक मजदूर को रोजाना 650 रुपये तय किया गया था।

रामपुर का रहने वाला ठेकेदार छुट्टन रविवार सुबह अपने घर चला गया था। ठेकेदार की जगह उसका पार्टनर विक्की मजदूरों के साथ काम पर था। मजदूर काम कर कर रहे थे, इसी दौरान यह हादसा हुआ।

जिला अस्पताल में भर्ती घायल संजीव ने बताया कि हादसे के वक्त मजदूर अपना काम कर रहे थे। रोड रोलर से कंपन जरूर था, लेकिन किसी को इतना अंदाजा नहीं था। वह लंबे समय से यह काम कर रहे हैं। करीब 20 लोग काम पर थे। कोई कुछ नहीं समझ पाया। कुछ जैक पर पूरी बेल्ट भी नहीं थी। लेकिन मुख्य वजह रोड रोलर से पैदा हुआ कंपन ही माना जा रहा है।

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