Blackstone के बॉस ने कहा, भारतीय शेयर बाजार की मजबूती से ग्लोबल इनवेस्टर्स का भरोसा बढ़ा

प्राइवेट इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन (Blackstone) भारत के स्टॉक मार्केट में मौजूद अवसरों को लेकर बुलिश है। पिछले 6 महीने में निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) में क्रमशः 15.4 पर्सेंट और 13.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी देखने को मिली है। ब्लैकस्टोन के प्रेसिडेंट जॉनाथन ग्रे ने बताया, ‘भारत में पब्लिक इक्विटी मार्केट्स की ताकत काफी मददगार है और इससे ग्लोबल इनवेस्टर्स और ब्लैकस्टोन को भरोसा मिला है। इक्विटी इनवेस्टमेंट के मामले में अमेरिका और ब्रिटेन के बाद भारत ही है। इससे भारत को लेकर हमारी प्रतिबद्धता का पता चल सकता है। ब्लैकस्टोन की कोर थीम ऐसे बिजनेस तैयार करने की है, जो भारत को बनाते हैं।’

फर्म का AUM (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) पिछले साल एक लाख करोड़ डॉलर को पार कर गया और इसके पास भारत में प्राइवेट इक्विटी और रियल एस्टेट में तकरीबन 50 अरब डॉलर का निवेश है। ग्रे ने मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘ जब मैं ग्लोबल CIOs (चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर) से बात करता हूं, तो आम तौर पर हमें उनसे भारत को लेकर काफी उत्साहजनक बातें सुनने को मिलती हैं। शेयर बाजार और इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार सुधार हो रहा है, लिहाजा यहां पूंजी आना आसान हो जाएगा।’

उनका मानना है कि भारत को एशिया में सप्लाई चेन के डायवर्सिफिकेशन और ग्रोथ पर फोकस करने वाली सरकार से फायदा मिला है, जिससे जीएसटी, इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड जैसे सुधारों को लागू करने में मदद मिली है। ब्लैकस्टोन ने भारत में दो ऑफिस REITs (रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट लॉन्च) किया है- एंबैसी REIT और माइंडस्पेस REIT।

भारत में ब्लैकस्टोन का अगला बड़ा दांव?

भारत में अगले 12-24 महीनों के दौरान नए निवेश के लिए ब्लैकस्टोन के निशाने पर कौन से प्रमुख सेक्टर हैं। कंपनी के पास 200 अरब डॉलर का रिजर्व फंड है और वह पूंजी लगाने के लिए बेहतर ठिकानों की तलाश में है। ग्रे ने बताया, ‘ हम लॉजिस्टिक्स और डेटा सेंटर की तरफ देखेंगे। प्राइवेट इक्विटी के लिहाज से हेल्थकेयर, फाइनेंशिय सर्विसेज और ट्रैवल जैसे सेगमेंट भी हैं। आने वाले समय में एनर्जी में बदलाव का मामला भी भारत के लिए काफी अहम होगा।’

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