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राष्ट्रीय
अंतरिक्ष का हर मिशन की साख देश से जुड़ी होती है। यही वजह है कि ऐसे मिशन पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है। वैज्ञानिक ऐसे मिशन को कामयाब बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। इंडिया में अंतरिक्ष मिशन की जिम्मेदारी ISRO पर है। लेकिन, इसरो को इस काम में कई सरकारी और प्राइवेट कंपनियां मदद करती हैं
चंद्रयान-3 का लैंडर हुआ अलग, अब ज्यादा नाजुक मौका | Moon Mission | ISRO News
वो दिन दूर नहीं जब भारत विज्ञान की विजय का महोत्सव मनाएगा. क्योंकि 23 August को शाम 5 बजकर 47 मिनट के लगभग चंद्रमा पर soft landing करते ही Bharat, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बनेगा. मगर इससे पहले 17 अगस्त को चंद्रयान ने चांद के हाईवे पर सबसी बड़ी परीक्षा पूरी की. बीते दिन चंद्रयान के प्रॉपल्शन मॉड्यूल और लैंडर रोवर अलग किए गए, यानी चंद्रयान 3 में लगा एक और इंजन कम हो गया. इसके बाद अब चंद्रयान 23 अगस्त को लैंडिंग की तैयारी करेगा.