वैश्विक मंचों पर मजबूती से अपनी बात रखना और उसे मनवा लेने की शक्ति भारत को कैसे मिली और उस शक्ति का इस्तेमाल प्रधानमंत्री मोदी ने कैसे किया?
नई दिल्ली में जी20 का शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले पूरी दुनिया में एक ही सवाल था कि क्या भारत कोई साझा घोषणापत्र जारी करवा पाएगा। आशंका ये ही थी कि अमेरिका और यूरोप के देश रूस-यूक्रेन युद्ध कि निंदा करवाने पर पर अड़ सकते हैं।
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