दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महिला को गंदी औरत कहने को लेकर एक पुरुष के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश रद्द करते हुए कहा है कि किसी महिला का अपमान करना या उसके साथ असभ्य व्यवहार करना और मर्यादापूर्ण तरीके से व्यवहार न करना उस महिला का शील भंग करना नहीं कहा जाएगा। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि लिंग-विशेष पर आधारित कानून विपरीत लिंग वाले लोगों के विरुद्ध नहीं होता है, बल्कि किसी विशेष लिंग वाले व्यक्ति के सामने आने वाले अनोखे मुद्दों से निपटने के उद्देश्य से होता है।
Read More at www.prabhasakshi.com