कहा जाता है कि काजू कतली का आविष्कार 16वीं शताब्दी में मराठा साम्राज्य के शाही परिवार के लिए काम करने वाले एक मशहूर शेफ़ भीमराव ने किया था. भीमराव को एक नई मिठाई बनाने का काम सौंपा गया था जो शाही परिवार को प्रभावित कर दे. भीमराव ने पारसी मिठाई हलुआ ए फ़ारसी में प्रयोग के तौर पर बादाम की जगह काजू का इस्तेमाल किया और काजू कतली का आविष्कार हुआ.
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