आयुर्वेद में मधुमेह को मधुमेह कहा जाता है। मधुमेह एक चयापचय विकार है जिसमें शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या इसे ठीक से उपयोग करने में कठिनाई होती है। परिणामस्वरूप, शरीर में इंसुलिन की कमी के कारण शर्करा का स्तर बढ़ने लगता है जो धीरे-धीरे व्यक्ति की किडनी, त्वचा, हृदय, आंखों और संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। डायबिटीज को नियंत्रित करने में आहार अहम भूमिका निभाता है।
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