Saphala Ekadashi 2025: सफला एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं. सफलता व राजयोग का आशीर्वाद मिलता है.
शास्त्रों के अनुसार, वर्ष में आने वाली 24 एकादशियों में सफला एकादशी विशेष फल देने वाली मानी गई है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से अधूरे काम पूरे होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
तिथि और शुभ मुहूर्त
सफला एकादशी की तिथि 14 दिसंबर को शाम 6:49 बजे से शुरू होकर 15 दिसंबर की रात 9:19 बजे तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार व्रत 15 दिसंबर को रखा जाएगा.
देखें शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 5:17 बजे से 6:12 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त- 11:56 बजे से 12:37 बजे तक
इन मुहूर्तों में पूजा और व्रत का संकल्प लेना विशेष फलदायी माना गया है.
नक्षत्र और योग का शुभ संयोग
सफला एकादशी के दिन शुभ ग्रह-नक्षत्रों का सुंदर संयोग बन रहा है. इस दौरान पूजा करने से भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है. इन योगों में भगवान विष्णु की पूजा करने से धन, सुख और सफलता की प्राप्ति होती है.
चित्रा नक्षत्र – सुबह 11:09 बजे तक
शोभन योग – दोपहर 12:31 बजे तक
इन चीजों का लगाएं भोग
सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पंचामृत का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है. इससे श्री हरि शीघ्र प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा धनिया और सूखे मेवों से बनी सात्विक पंजीरी का भोग भी विशेष फल देता है.
इससे धन-धान्य में वृद्धि होती है और कर्ज व रोग से मुक्ति मिलती है. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के व्रत में यदि भगवान विष्णु को केवल केले का भोग लगाया जाए, तो जीवन के सभी कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं.
बेसन के लड्डू का भोग लगाने से कुंडली में गुरु मजबूत होता है और संतान सुख की प्राप्ति होती है. शाम के समय गुड़ और चने का भोग भी लगाया जा सकता है. इसके साथ पीली बर्फी और तुलसी दल अर्पित करने से भगवान विष्णु विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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