Narges Mohammadi: ईरान में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को शुक्रवार को ईरानी सुरक्षा बलों ने कथित तौर पर हिंसक तरीके से हिरासत में ले लिया। यह घटना उस समय हुई, जब वह दिवंगत मानवाधिकार वकील खोसरो अलीकोर्दी की स्मृति सभा में शामिल होने के लिए मशहद पहुंची थीं।
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रिपोर्टों के अनुसार, नरगिस मोहम्मदी को सुबह सुरक्षा बलों ने खुसरो अलीकोर्डी के सातवें दिन की याद में हो रहे कार्यक्रम के दौरान ज़बरदस्ती गिरफ्तार कर लिया। खुसरो अलीकोर्डी एक वकील थे, जो हाल ही में अपने ऑफिस में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। 53 वर्षीय नरगिस हाल ही में मेडिकल ग्राउंड पर जेल से बाहर थीं और माना जा रहा था कि उन्हें दोबारा जेल नहीं भेजा जाएगा।
सेपिदेह घोलियन, पूरन नाज़ेमी, हस्ती अमीरी और अलियेह मोतालेबज़ादेह के परिवारों ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि नरगिस मोहammadi के साथ असदुल्लाह फखीमी, अकबर अमीनी, हसन बाघेरीनिया और अबोलफ़ज़ल अबरी को भी हिरासत में लिया गया था। नरगिस मोहम्मदी फाउंडेशन सभी हिरासत में लिए गए लोगों को तुरंत और बिना शर्त रिहा करने की मांग की है।
During the memorial for lawyer Khosrow Alikordi in Iran security forces arrested Narges Mohammadi, Nobel Peace Prize laureate, along with Ali Adinehzadeh, father of a slain protester, Sepideh Gholian, Alieh Motalebzadeh, Pouran Nazemi, and Hasti Amiri.
This is how the Islamic… pic.twitter.com/PVklCi8Cwq— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) December 12, 2025
अमेरिका स्थित मानवाधिकार कार्यकर्ता समाचार एजेंसी (एचआरएएनए) ने मोहम्मदी की तस्वीरें प्रकाशित कीं, जिसमें वह सिर पर स्कार्फ नहीं पहने हुए थीं, जिसे इस्लामी गणराज्य में महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों पर पहनना अनिवार्य है। वह अलीकोर्डी समर्थकों के एक समूह के साथ समारोह में भाग ले रही थीं।
खबरों के मुताबिक, उन्होंने समारोह में “ईरान जिंदाबाद!”, “हम लड़ेंगे, हम मरेंगे, हम अपमान स्वीकार नहीं करेंगे” और “तानाशाह का नाश हो” जैसे नारे लगाए, जो इस्लामी परंपरा के अनुसार अलीकोर्डी की मृत्यु के सात दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।
नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी ने नरगिस मोहम्मदी की क्रूर गिरफ्तारी की निंदा की है। समिति के अध्यक्ष जॉर्गेन वाटने फ्राइडनेस ने एक बयान में कहा, “नॉर्वेजियन नोबेल समिति आज नरगिस मोहम्मदी और कई अन्य एक्टिविस्टों की क्रूर गिरफ्तारी से बहुत चिंतित है। सुश्री मोहम्मदी – 2023 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता – ईरान में मानवाधिकारों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक भागीदारी की पक्की समर्थक हैं।”
उन्होंने कहा, “नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी ईरानी अधिकारियों से अपील करती है कि वे तुरंत मोहम्मदी के ठिकाने के बारे में बताएं, उनकी सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करें, और उन्हें बिना किसी शर्त के रिहा करें। कमेटी नरगिस मोहम्मदी और ईरान में उन सभी लोगों के साथ खड़ी है जो मानवाधिकारों, कानून के शासन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए शांतिपूर्वक काम करते हैं।”
नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी ने अध्यक्ष ने कहा, “ईरान और वेनेजुएला की सरकारों के बीच करीबी सहयोग को देखते हुए, नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी यह नोट करती है कि सुश्री मोहम्मदी को ठीक उसी समय गिरफ्तार किया गया है जब वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है।”
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