देशभर में हवाई यात्रा के किराए को लेकर चर्चा हो रही है. ये मुद्दा आज संसद में भी छाया रहा. वहीं, आज नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने लोकसभा में कहा कि देश भर में हवाई किराए की अधिकतम सीमा लगाना सरकार के लिए व्यवहारिक नहीं है. उन्होंने आगे कहा, डी-रेगुलेटेड मार्केट से उपभोक्ताओं को लाभ होता है और त्योहारी सीजन में टिकट के दाम का बढ़ना एक स्वाभाविक घटना है.
हालांकि नायडू ने कहा, हाल ही में इंडिगो और उससे पहले कोविड महामारी जैसे संकट में सरकार ने एयरफेयर पर लिमिट लगाई थी. साथ ही तर्क दिया कि डि-रेगुलेशन के बाद एयरलाइंस की संख्या बढ़ी और कॉम्पिटिशन आया, जिसका सीधा फायदा यात्रियों को मिला.
इधर, बेंगलुरु एयरपोर्ट से शुक्रवार को इंडिगो की 54 फ्लाइट कैंसिल हुई हैं. इनमें 31 आने वाली (अराइवल) और 23 जाने वाली (डिपार्चर) फ्लाइट शामिल हैं. इससे पहले गुरुवार को दिल्ली और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 200 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुई थीं.
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मंत्री नायडू ने दिया ये तर्क
वहीं, नायडू ने सदन में कहा कि जब डी-रेगुलेशन की नीति लाई गई थी, जिसका मलतब ही यही था कि इस सेक्टर को तेजी से आगे बढ़ाया जाए. दुनिया के जिन देशों में हवाई यातायात ने बढ़ोतरी की है, उन सभी ने अपना बाजार डी-रेगुलेटेड ही रखा है. इससे ज्यादा से ज्यादा लोग बाजार में आते हैं और उनमें आपसी सहयोग बढ़ता है और बाजार के डायनैमिक्स को पूरी तरह काम करने की आजादी मिलती है.
हवाई किराए को नियंत्रित करने की मांग से जुड़े एक प्राइवेट मेंबर बिल का जवाब देते हुए नायडू ने कहा कि अगर हम सिविल एविएशन सेक्टर को सचमुच बढ़ाना चाहते हैं, तो सबसे पहली और जरूरी शर्त यही है कि इसे डी-रेगुलेटेड ही रखा जाए ताकि बाजार में और ज्यादा कंपनियां आ सकें.
4 अधिकारियों को किया संस्पेंड
वहीं, दूसरी ओर देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इस वक्त संकट से जूझ रही है. इंडिगो में फ्लाइट कैंसिल को लेकर जारी संकट के बीच लगातार एक्शन हो रहा है. DGCA ((नागरिक उड्डयन नियामक) ने शुक्रवार को एयरलाइन की सुरक्षा और ऑपरेशनल नियमों की गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार 4 फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है.
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