
डॉ. भीमराव आंबेडकर कहते हैं कि मन की साधना ही मानव जीवन का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए. उनका मानना है कि असली सफलता सिर्फ पद, धन या प्रतिष्ठा में नहीं है, बल्कि अपने मन को मजबूत, शांत और जागरूक बनाने में है. उन्होंने हमेशा यह सिखाया कि मन को साधना ही जीवन का स्थायी आधार है.

भीमराव के अनुसार, अगर मन मजबूत है तो इंसान जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों को पार कर सकता है. मन की साधना का अर्थ है अपने विचार साफ रखना, सोच को मजबूत करना और ज्ञान से दिमाग को भरना होता है. उन्होंने बताया है कि मन की ताकत शरीर और परिस्थिति से बड़ी होती है. अगर आप मन को काबू करना सीख लेते हैं तो सफलता की पहली सीढ़ी पार कर जाते हैं.
Published at : 13 Dec 2025 06:00 AM (IST)
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