ओपनएआई के एआई चैटबॉट चैटजीपीटी को इन दिनों यूजर्स की नाराजगी झेलनी पड़ रही है. दरअसल, एक नए फीचर के कारण यूजर्स को बातचीत के बीच में अनरिलेटिड ऐप्स सजेशन दिखाए जा रहे हैं. फ्री के साथ-साथ प्रीमियम प्रो वर्जन वाले यूजर्स को भी ये दिख रहे हैं. यह चैटबॉट किसी भी रैंडम बातचीत के बीच में शॉपिंग या फिटनेस से जुड़ी ऐप्स के सजेशन देने लगता है, भले ही यह बातचीत किसी बिल्कुल ही अलग टॉपिक पर चल रही हो. यूजर्स इसे एड कह रहे हैं, लेकिन इससे मानने से इनकार कर रही है.
चैटजीपीटी में चल क्या रहा है?
ओपनएआई का कहना है कि ये हाल ही में शुरू किए गए थर्ड-पार्टी इंटीग्रेशन वाले ऐप सजेशन है. इन्हें इसलिए दिखाया जा रहा है ताकि ये यूजर की मदद कर पाएं. बता दें कि वालमार्ट और स्पॉटिफाई आदि सर्विसेस को अभी चैटजीपीटी इंटरफेस में ही इंटीग्रेट कर दिया गया है, जिससे यूजर को इन्हें यूज करने के लिए डेडिकेटिड ऐप्स ओपन करने की जरूरत नहीं है. दूसरी तरफ यूजर का कहना है कि चैटजीपीटी उन्हें बिल्कुल अलग कॉन्टेक्स्ट में ये सजेशन दे रहा है. एक यूजर ने बताया कि वो विंडोज में आई किसी दिक्कत के बारे में जानकारी ले रहे थे, जब उन्हें किसी शॉपिंग ऐप पर शॉपिंग करने का सजेशन दिखाया गया.
चैटजीपीटी को मॉनेटाइज करना चाहती है कंपनी
कंपनी पिछले काफी समय से चैटजीपीटी से कमाई के तरीके खोज रही है. कंपनी का मानना है कि भविष्य में उसकी 20 प्रतिशत आमदनी चैटजीपीटी में शॉपिंग और एडवरटाइजमेंट वाले फीचर्स से आएगी. इसलिए आगे चलकर यूजर्स को चैटजीपीटी में विज्ञापन भी देखने को मिल सकते हैं. इसके अलावा कंपनी को उम्मीद है कि उसके 2.6 अरब वीकली यूजर्स में 8.5 प्रतिशत यानी करीब 22 करोड़ यूजर्स चैटजीपीटी का प्रीमियम वर्जन खरीदेंगे. अगर ऐसा होता है तो यह दुनिया की सबसे बड़ी सब्सक्रिप्शन सर्विस बन सकती है.
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