
साल 2025 में करीब 1,07,320 नए कोलन कैंसर केस आने का अनुमान था. सबसे बड़ी चिंता यह है कि कोलन कैंसर अब युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है. आमतौर पर यह 50 साल के बाद देखा जाता है, लेकिन अब कम उम्र के लोग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं और इसका कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है.

ऐसे में सबसे जरूरी है इसके शुरुआती संकेतों को पहचानना. समय पर लक्षण दिख जाएं तो ठीक जल्दी होता है और इलाज आसान बन जाता है. डॉक्टर लगातार सलाह दे रहे हैं कि छोटी-छोटी चेतावनियों को भी हल्के में न लें.

एक वायरल इंस्टाग्राम वीडियो में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. जोसेफ सलहाब ने 30 की उम्र में दिखने वाले चार संभावित लक्षण बताए हैं. इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरा बढ़ा सकता है, लेकिन इन्हें समय पर पहचानने से जीवन बच सकता है.

पहला संकेत है बेहद थकान. डॉक्टर के अनुसार, कोलन कैंसर धीरे-धीरे खून में कमी ला सकता है, जिससे कमजोरी और ज्यादा नींद आने लगती है. रिसर्च का भी मानता है कि कैंसर से जुड़ी थकान की एक बड़ी वजह एनीमिया ही है.

दूसरा संकेत है रात में पसीना. डॉक्टर बताते हैं कि कैंसर सेल्स इंफ्लेमेटरी प्रोटीन छोड़ते हैं, जिससे शरीर में हल्का बुखार और रात में पसीना आने लगता है. कई रिपोर्टों में यह बताया गया है कि कैंसर से जुड़े नाइट स्वेट्स अक्सर बहुत तेज और असामान्य होते हैं.

तीसरा बड़ा संकेत है बॉवेल हैबिट में बदलाव, जैसे अचानक कब्ज या दस्त बढ़ जाना. यह आमतौर पर कैंसर से बनने वाले ब्लॉकेज के कारण होता है. मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, पेट दर्द, दस्त, कब्ज ये सभी कोलोरेक्टल कैंसर के संकेत हो सकते हैं.

चौथा और सबसे अहम संकेत है स्टूल में खून. डॉक्टर इसे कोलन कैंसर का क्लासिक निशान बताते हैं. जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के अनुसार, मल में खून आना अक्सर कोलन या रेक्टम में कहीं से ब्लीडिंग का संकेत होता है. अगर यह बार-बार हो, तो इसे हल्के में बिल्कुल नहीं लेना चाहिए.

युवाओं में बढ़ते मामलों को देखते हुए, इन छोटे लेकिन गंभीर संकेतों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. समय पर पहचान न सिर्फ कैंसर पकड़ने में मदद करती है, बल्कि इलाज के नतीजों को भी बेहतर बनाती है.
Published at : 05 Dec 2025 12:41 PM (IST)
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