Putin India Visit: गुरुवार का दिन ग्लोबल एविएशन वॉचर्स और विमान ट्रैकिंग विशेषज्ञों के लिए बेहद रोमांचक रहा. सभी की नजर आसमान में एक ही चीज पर थी औए वो था रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का प्रेसिडेंशियल एयरक्राफ्ट ‘फ्लाइंग क्रेमलिन’. दो बिल्कुल एक जैसे रूसी विमान भारत की ओर बढ़ रहे थे और उन्होंने ऐसा खेल खेला कि पूरी दुनिया रोमांचित रही. कभी एक विमान का ट्रांसपॉन्डर ऑन होता, जिससे उसका सटीक स्थान दिखाई देता, तो दूसरा विमान गायब हो जाता. थोड़ी देर बाद दोनों विमानों की स्थिति बदल जाती, जिससे इस लुका-छिपी का खेल और भी रहस्यमयी बन गया.
करीब साढ़े छह घंटे तक चलने वाले इस खेल ने हजारों लोगों को विमान ट्रैक करते रहने पर मजबूर कर दिया. देर शाम, राष्ट्रपति पुतिन का फ्लाइंग क्रेमलिन दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंड हुआ. यहां उनका स्वागत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इसके बाद फ्लाइट ट्रैकिंग साइट Flightradar24 ने इसे दुनिया की सबसे ज्यादा ट्रैक की गई फ्लाइट घोषित किया.
रहस्यमयी खेल का कारण
पुतिन दुनिया के सबसे सुरक्षित नेताओं में से एक हैं और उनकी विदेश यात्राएं हमेशा मल्टी-लेयर सिक्योरिटी प्रोटोकॉल के तहत होती हैं. इसका एक अहम हिस्सा डिकॉय एयरक्राफ्ट स्ट्रैटेजी है. इसका मकसद पुतिन को दुनिया की नजर से छिपाना और यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी कीमत पर उनके विमान की पहचान न हो. गुरुवार को भी यही रणनीति अपनाई गई. पुतिन का खास प्रेसिडेंशियल एयरक्राफ्ट IL-96-300PU, जिसे दुनिया ‘फ्लाइंग क्रेमलिन’ के नाम से जानती है, ने अपने क्लोन एयरक्राफ्ट के साथ हवा में सस्पेंस पैदा किया.
ऑन-ऑफ ट्रांसपॉन्डर ने बढ़ाया रोमांच
फ्लाइंग क्रेमलिन ने करीब साढ़े छह घंटे तक आसमान में रहस्य बनाए रखा. इस दौरान दोनों विमानों के ट्रांसपॉन्डर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे. कभी एक विमान का ट्रांसपॉन्डर बंद, तो कभी दूसरे का. कभी दोनों विमान एक साथ दिखाई देते. दोनों विमान सिक्योर, एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन सिस्टम, स्पेशल एंटी-मिसाइल टेक्नोलॉजी, एक्सटेंडेड रेंज, हाई-लेवल इलेक्ट्रॉनिक प्रोटेक्शन और सीक्रेट कमांड सेंटर से लैस थे. इन विमानों की गतिविधियों ने पूरी दुनिया में कौतूहल और रोमांच पैदा किया.
दिल्ली में लैंडिंग के बाद खत्म हुआ रहस्य
रूसी राष्ट्रपति पुतिन का फ्लाइंग क्रेमलिन देर शाम दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड हुआ. रेड कारपेट पर विमान के खड़े होते ही साफ हो गया कि पुतिन किस विमान में हैं. थोड़ी देर इंतजार के बाद विमान के दरवाजे खुले और राष्ट्रपति पुतिन बाहर आए, जिनका स्वागत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया.
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