उम्र बढ़ेगी, लेकिन असर नहीं दिखेगा, जानें सुबह की कौन सी 7 आदतें एजिंग करती हैं स्लो

एक्सपर्ट्स के अनुसार सुबह की नेचुरल रोशनी शरीर की अंदरूनी घड़ी को सेट करती है. इससे दिनभर कॉर्टिसोल कंट्रोल में रहता है और अलर्टनेस बढ़ती है. हल्की धूप भी दिमाग को ऐसे संकेत भेजती है जो स्किन, नींद और मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखती है. यह प्रक्रिया लंबे समय में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करती है.

एक्सपर्ट्स के अनुसार सुबह की नेचुरल रोशनी शरीर की अंदरूनी घड़ी को सेट करती है. इससे दिनभर कॉर्टिसोल कंट्रोल में रहता है और अलर्टनेस बढ़ती है. हल्की धूप भी दिमाग को ऐसे संकेत भेजती है जो स्किन, नींद और मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखती है. यह प्रक्रिया लंबे समय में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करती है.

एजिंग को धीमा करने के लिए कोशिश करें कि सुबह ठंडे की बजाय गर्म चीजों को पीना शुरू करें. दरअसल खाली पेट ठंडी चीजें पीने से पाचन धीमा होता है. वहीं हल्का गर्म पानी या हर्बल ड्रिंक पेट को आराम से काम शुरू करने में मदद करती है, इससे ब्लड फ्लो बेहतर होता है और इन्फ्लेमेशन कम होता है जो एजिंग बढ़ाने का बड़ा कारण माना जाता है.

एजिंग को धीमा करने के लिए कोशिश करें कि सुबह ठंडे की बजाय गर्म चीजों को पीना शुरू करें. दरअसल खाली पेट ठंडी चीजें पीने से पाचन धीमा होता है. वहीं हल्का गर्म पानी या हर्बल ड्रिंक पेट को आराम से काम शुरू करने में मदद करती है, इससे ब्लड फ्लो बेहतर होता है और इन्फ्लेमेशन कम होता है जो एजिंग बढ़ाने का बड़ा कारण माना जाता है.

इसके अलावा कोशिश करें कि आप सुबह उठने के बाद सिर्फ 1 मिनट मोबिलिटी करें. दरअसल उठने के बाद कुछ सेकेंड के दिन में जॉइंट रोटेशन शरीर को एक्टिव कर देते हैं. वहीं उम्र बढ़ने के साथ होने वाली जकड़न को यह छोटी सी आदत काफी हद तक कम कर सकती है. इससे रीढ़, कंधों और हिप्स में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और पोस्चर सुधरता है.

इसके अलावा कोशिश करें कि आप सुबह उठने के बाद सिर्फ 1 मिनट मोबिलिटी करें. दरअसल उठने के बाद कुछ सेकेंड के दिन में जॉइंट रोटेशन शरीर को एक्टिव कर देते हैं. वहीं उम्र बढ़ने के साथ होने वाली जकड़न को यह छोटी सी आदत काफी हद तक कम कर सकती है. इससे रीढ़, कंधों और हिप्स में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और पोस्चर सुधरता है.

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सुबह उठने के 2 घंटे के अंदर प्रोटीन का सेवन करना जरूरी होता है. प्रोटीन हमारी मांसपेशियों के नुकसान की प्रक्रिया को धीमा करता है. वहीं सुबह प्रोटीन लेने से मेटाबाॅलिज्म एक्टिव रहता है और ब्लड शुगर स्थिर रहता है. इससे थकान कम होती है और स्किन भी ज्यादा टाइट दिखती है.

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सुबह उठने के 2 घंटे के अंदर प्रोटीन का सेवन करना जरूरी होता है. प्रोटीन हमारी मांसपेशियों के नुकसान की प्रक्रिया को धीमा करता है. वहीं सुबह प्रोटीन लेने से मेटाबाॅलिज्म एक्टिव रहता है और ब्लड शुगर स्थिर रहता है. इससे थकान कम होती है और स्किन भी ज्यादा टाइट दिखती है.

इसके अलावा सुबह का मौसम स्किन को तेजी से ड्राई कर देता है. ऐसे में हल्का मॉइश्चराइजर और सनस्क्रीन लगाने से स्किन पर ऑक्सीडेटिव डैमेज कम होता है और कोलेजन सुरक्षित रहता है जो उम्र बढ़ने पर घटने लगता है. वहीं खिड़की के पास बैठने पर भी स्किन पर यूवी किरणों का असर पड़ सकता है.

इसके अलावा सुबह का मौसम स्किन को तेजी से ड्राई कर देता है. ऐसे में हल्का मॉइश्चराइजर और सनस्क्रीन लगाने से स्किन पर ऑक्सीडेटिव डैमेज कम होता है और कोलेजन सुरक्षित रहता है जो उम्र बढ़ने पर घटने लगता है. वहीं खिड़की के पास बैठने पर भी स्किन पर यूवी किरणों का असर पड़ सकता है.

रोज सुबह उठने के बाद 60 सेकंड की फोकस लिस्ट बनाएं. दरअसल स्ट्रेस एजिंग को तेज करता है. एक्सपर्ट के अनुसार दिन के तीन जरूरी काम लिखने से दिमाग अनावश्यक टेंशन से फ्री हो जाता है. इससे मानसिक तनाव कम होता है और उससे जुड़ी इंफ्लेमेशन भी कंट्रोल होती है.

रोज सुबह उठने के बाद 60 सेकंड की फोकस लिस्ट बनाएं. दरअसल स्ट्रेस एजिंग को तेज करता है. एक्सपर्ट के अनुसार दिन के तीन जरूरी काम लिखने से दिमाग अनावश्यक टेंशन से फ्री हो जाता है. इससे मानसिक तनाव कम होता है और उससे जुड़ी इंफ्लेमेशन भी कंट्रोल होती है.

वहीं रोजाना उठते ही 15 मिनट तक स्क्रीन से दूरी बनाए रखने की कोशिश करें. उठते ही फोन देखने से तेज रोशनी शरीर की बॉडी क्लॉक को कन्फ्यूज्ड कर देती है. इससे वह हार्मोन प्रभावित होते हैं जो नींद की रिपेयर, भूख और मूड को कंट्रोल करते हैं. सुबह कुछ समय स्क्रीन से दूर रहना आंखों और दिमाग दोनों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है.

वहीं रोजाना उठते ही 15 मिनट तक स्क्रीन से दूरी बनाए रखने की कोशिश करें. उठते ही फोन देखने से तेज रोशनी शरीर की बॉडी क्लॉक को कन्फ्यूज्ड कर देती है. इससे वह हार्मोन प्रभावित होते हैं जो नींद की रिपेयर, भूख और मूड को कंट्रोल करते हैं. सुबह कुछ समय स्क्रीन से दूर रहना आंखों और दिमाग दोनों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है.

Published at : 05 Dec 2025 07:14 AM (IST)

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