दुनिया का वो कौन सा देश? जहां कैदियों के लिए तरसती है जेलें, जानें


दुनिया के कई देश अपराध, आतंकवाद, भुखमरी और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन इस धरती पर एक ऐसा भी देश है, जहां अपराध का नामोनिशान नहीं के बराबर है. यह सुनने में अजीब लगता है, मगर यूरोप का नीदरलैंड सचमुच ऐसा देश है, जहां जेलें खाली पड़ी रहती हैं और सरकार को कैदियों की कमी से नई परेशानियों का सामना करना पड़ा है.

नीदरलैंड में पिछले दशक में अपराध लगातार घटता गया और यह गिरावट इतनी तेज थी कि कई जेलों को बंद करना पड़ा. 2013 तक जिन जेलों में कैदी थे, उनमें 2018 आते-आते ऐसा समय आया कि कई जेलों में एक भी अपराधी नहीं बचा. टेलीग्राफ यूके की 2016 में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार डच न्याय मंत्रालय का अनुमान था कि अपराध हर साल लगभग एक प्रतिशत कम होगा और यह अनुमान हकीकत में बदल गया. अपराध कम होने के पीछे देश की सामाजिक व्यवस्था, लोगों का जीवन स्तर और अपराधियों के प्रति सुधारवादी सोच का बड़ा योगदान माना जाता है.

जेलें खाली हुईं तो सरकार के सामने नई मुश्किल

जेलें बंद होने का सीधा असर जेल स्टाफ पर पड़ा. करीब दो हजार कर्मचारियों में से केवल कुछ लोगों को ही दूसरी सरकारी नौकरियों में समायोजित किया जा सका. स्थिति इतनी अनोखी हो गई कि जेलें चलाए रखने के लिए नीदरलैंड ने 2017 में नॉर्वे से कैदी मंगाने का समझौता किया. यह दुनिया में अपनी तरह का दुर्लभ मामला था, जहां किसी देश को कैदियों की कमी से जूझना पड़ा.

कैदी कम क्यों हैं? क्या खास है नीदरलैंड के मॉडल में

नीदरलैंड ने अपराधियों को केवल सजा देने की जगह उन्हें सुधारने पर ज्यादा ध्यान दिया. इसका सबसे प्रभावी उपाय रहा इलेक्ट्रॉनिक एंकल मॉनिटर सिस्टम. यह एक छोटी सी डिवाइस होती है, जिसे टखने में पहनाया जाता है और यह व्यक्ति की लोकेशन पुलिस तक भेजती रहती है. अगर व्यक्ति किसी तय सीमा से बाहर जाता है तो तुरंत चेतावनी मिल जाती है. इस तकनीक ने अपराध दोहराने की संभावना बेहद कम कर दी. इसके अलावा अपराधियों को पढ़ाई, प्रशिक्षण और काम करने की सुविधा दी जाती है ताकि वे सामान्य जीवन में वापस लौट सकें. इससे जेलों में भीड़ नहीं बढ़ती और समाज भी सुरक्षित रहता है.

आज नीदरलैंड की जेलों में कैदी कम, विदेशी अधिक

वर्तमान स्थिति यह है कि देश की ज्यादातर जेलों में कैदी बेहद कम हैं और अधिकतर वे लोग हैं जो अन्य देशों से संबंधित मामलों में सजा काट रहे हैं. स्थानीय लोगों के बीच अपराध दर्ज होना अब बेहद दुर्लभ हो चुका है. यही वजह है कि कई जेलें आधी से भी ज्यादा खाली रहती हैं.

नीदरलैंड का मॉडल दुनिया के लिए क्यों मिसाल है

नीदरलैंड ने दिखाया है कि अपराध सिर्फ कठोर कानूनों से नहीं, बल्कि सामाजिक सुधार और मानवीय दृष्टिकोण से भी खत्म किए जा सकते हैं. यहां पुलिस तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करती है, प्रशासन पारदर्शी है और नागरिकों को ऐसी सुविधाएं मिलती हैं जिससे अपराध की संभावना खुद ही कम हो जाती है.

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