
आरबीआई 5 दिसंबर को मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान करेगा। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक 3 दिसंबर को शुरू हो जाएगी। इस साल आरबीआई रेपो रेट में 100 बेसिस प्वाइंट्स की कमी कर चुका है। इस बार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की उम्मीद थी। लेकिन, सितंबर तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 8.2 फीसदी रहने के बाद यह उम्मीद थोड़ी कम हो गई है। सवाल है कि आरबीआई के इंटरेस्ट रेट घटाने का स्टॉक मार्केट पर कितना असर पड़ेगा?
आरबीआई की पॉलिसी का मार्केट पर पड़ेगा असर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि आरबीआई के इंटरेस्ट रेट घटाने पर मार्केट पर काफी असर पड़ेगा। इंटरेस्ट रेट में कमी से कंज्यूमर्स और कंपनियों के लिए लोन लेना सस्ता हो जाता है। इससे क्रेडिट ग्रोथ बढ़ती है। कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ पर इसका पॉजिटिव असर पड़ता है। आईएनएसवसाट पीएमएस के पार्टनर अनिरुद्ध गांधी ने कहा कि रेपो रेट में कमी का ज्यादा असर बैंकिंग स्टॉक्स पर पड़ेगा। हालांकि, डिपॉजिट की कॉस्ट घटने के मुकाबले अगर लोन का इंटरेस्ट रेट जल्द घटता है तो इसका खराब असर बैंकों के नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर पड़ सकता है।
इंटरेस्ट रेट घटने से कंपनियों का मार्जिन बढ़ेगा
Vibhavangal Anukulakara के फाउंडर सिद्धार्थ मौर्य ने कहा कि आरबीआई के इंटरेस्ट रेट घटाने से शेयर मार्केट पर पॉजिटिव असर पड़ेगा। सस्ते लोन, कॉर्पोरेट मार्जिन में इम्प्रूवमेंट और शेयरों में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बढ़ने से शेयरों में उछाल दिख सकता है। मास्टर कैपिटल सर्विसेज के चीफ रिसर्च अफसर रवि सिंह ने कहा कि इंटरेस्ट रेट में 25 फीसदी कमी ग्रोथ बढ़ाने के सरकार के उपायों को सपोर्ट करेगा। सरकार पहले ही जीएसटी में कमी कर चुकी है। वह पूंजीगत खर्च भी बढ़ा रही है।
रेपो रेट नहीं घटने पर मार्केट को नहीं होगी निराशा
आरबीआई के 5 दिसंबर को इंटरेस्ट रेट नहीं घटाने पर स्टॉक मार्केट पर निगेटिव असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। गर्ग ने कहा कि आरबीआई के इंटरेस्ट रेट में बदलाव नहीं करने के फैसले से यह संकेत जाएगा कि केंद्रीय बैंक को इकोनॉमी की ग्रोथ तेज बने रहने का भरोसा है। केंद्रीय बैंक के इंटरेस्ट रेट नहीं घटाने का मतलब यह होगा कि वह पहले की गई कमी का पूरा असर देखना चाहता है। स्टॉक मार्केट में सेंटीमेंट पहले ही जीडीपी के स्ट्रॉन्ग डेटा की वजह से पॉजिटिव है।
जीडीपी ग्रोथ के डेटा और इनफ्लेशन में कमी से सेंटीमेंट मजबूत
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का मानना है कि आरबीआई के रेट में कमी नहीं करने का मतलब यह होगा कि केंद्रीय बैक सावधानी बरत रहा है। इसलिए इसका स्टॉक मार्केट्स पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि दूसरी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के डेटा से यह साफ हो गया है कि इकोनॉमी तेज रफ्तार से बढ़ रही है। उधर, इनफ्लेशन 13 साल के सबसे निचले स्तर पर है। इसलिए स्टॉक मार्केट को इंटरेस्ट रेट नहीं घटने से निराशा नहीं होगी।
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