Powerful Officers: PM के सबसे करीब होते हैं ये सरकारी अफसर, ताकत…कैबिनेट के मंत्रियों से भी ज्यादा, जानिए क्या करते हैं काम

Indian Top Bureaucrat: भारत जैसे विशाल देश में सरकार का असली इंजन सिर्फ मंत्रियों या चुने हुए नेताओं के हाथ में नहीं होता. पर्दे के पीछे कुछ चुनिंदा नौकरशाह भी इतनी ताकत रखते हैं कि कैबिनेट के अधिकांश मंत्री भी इनके सामने हल्के पड़ जाते हैं. ये लोग सुर्खियों से दूर रहते हैं, लेकिन नीतियों की दिशा, बड़े फैसलों की रूपरेखा और पूरे सरकारी तंत्र की पकड़ इन्हीं के हाथ में होती है. ये अधिकारी सभी मंत्रालयों पर नजर रखते हैं. इसके साथ ही ये खुफिया इनपुट से लेकर आर्थिक आंकड़ों तक सीधी पहुंच रखते हैं और हर बड़े मामले पर प्रधानमंत्री को बिना किसी फिल्टर के सलाह देते हैं.

ये प्रधानमंत्री के लिए सचमुच ‘आंख-कान और दिमाग’ की तरह काम करते हैं. भारत में तीन ऐसे पद हैं जो बाकियों से कहीं ऊपर माने जाते हैं और जिनका असर पूरे सिस्टम पर पड़ता है. ये तीनों पद सीधे प्रधानमंत्री के अंतर्गत आते हैं, इनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत पसंद से होती है और ये बिना कैबिनेट की औपचारिक प्रक्रिया के भी बड़े-बड़े फैसले प्रभावित कर सकते हैं.

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आमतौर पर लोगों को प्रधानमंत्री के लिए पर्दे के पीछे से काम करने वाले चेहरों की कम ही जानकारी होती है लेकिन सभी को इन अफसरों के बारे में जान लेना चाहिए, जिन्हें प्रधानमंत्री का दायां हाथ भी कहा जाता है.

  • प्रधान सचिव, प्रधानमंत्री कार्यालय (Principal Secretary to PM)
  • राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor)
  • कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary)

इन तीनों का दायरा अलग-अलग है, लेकिन तीनों मिलकर प्रधानमंत्री को वो ताकत देते हैं जिससे पूरा सरकारी अमला एक लय में चलता है.

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor – NSA) भारत के सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली गैर-चुने हुए पदों में से एक है. यह सीधे प्रधानमंत्री के अधीन काम करता है और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का हिस्सा होता है. NSA देश की आंतरिक व बाहरी सुरक्षा, खुफिया तंत्र, विदेश नीति, रक्षा नीति, परमाणु कार्यक्रम और आतंकवाद जैसे सभी रणनीतिक मामलों पर प्रधानमंत्री को सीधी तथा गोपनीय सलाह देता है.

वह राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) का सचिव भी होता है और खुफिया एजेंसियों (IB, RAW, NTRO आदि) के साथ लगातार समन्वय रखता है. NSA कैबिनेट रैंक का अधिकारी होता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर कैबिनेट सचिव और प्रधान सचिव से भी ऊपर प्रभाव रखता है, क्योंकि यह प्रधानमंत्री का सबसे विश्वस्त सलाहकार होता है और कई बार बैक-चैनल कूटनीति और संकट प्रबंधन में अहम भूमिका निभाता है.

अजीत डोभाल (NSA)

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का पद इस समय अजीत डोभाल के पास है. 1968 बैच के केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल ने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया. करियर के शुरुआती दौर में ही उन्होंने पाकिस्तान में लंबे समय तक अंडरकवर एजेंट के रूप में काम किया और वहां से बेहद संवेदनशील जानकारियां जुटाईं. वे इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले निदेशक रहे. रिटायरमेंट के बाद 2014 से अब तक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) हैं और इस दौरान उन्होंने पठानकोट, उरी, पुलवामा के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे सबसे ऑपरेशनों की रणनीति तैयार करने में अहम भूमिका निभाई.

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव

प्रधान सचिव (खासकर प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव) भारत सरकार के सबसे शक्तिशाली प्रशासनिक पदों में से एक होता है. यह अधिकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का वास्तविक प्रशासनिक और कार्यकारी मुखिया होता है. प्रधानमंत्री के सबसे करीबी और विश्वसनीय नौकरशाह के रूप में काम करते हुए, वह PMO के पूरे कामकाज को चलाते हैं, प्रधानमंत्री को नीतिगत सलाह देते हैं, सभी मंत्रालयों से समन्वय रखते हैं और प्रधानमंत्री के हर महत्वपूर्ण फैसले में उनकी मदद करते हैं.

कैबिनेट सचिव जहां पूरे सिविल सेवा तंत्र का प्रमुख होता है, वहीं प्रधान सचिव (PMO) प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत पसंद और विश्वास पर नियुक्त होता है और PMO के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से पूरे सरकारी तंत्र पर गहरी पकड़ रखता है. इसीलिए इसे देश के सबसे प्रभावशाली सरकारी पदों में गिना जाता है.

डॉ. प्रदीप कुमार मिश्रा

डॉ. प्रदीप कुमार मिश्रा (Dr. P. K. Mishra) भारत के सबसे अनुभवी और शक्तिशाली नौकरशाहों में से एक हैं. 1972 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी होने के कारण वर्तमान में ये पूरे सिविल सेवा में सबसे सीनियर सक्रिय अधिकारी हैं. इन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में पीएचडी और कृषि अर्थशास्त्र में मास्टर्स किया है. नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तभी से डॉ. मिश्रा उनके सबसे करीबी और भरोसेमंद सलाहकार रहे हैं. गुजरात में प्रधान सचिव रहते हुए इन्होंने 2001 भुज भूकंप के बाद आपदा प्रबंधन और पुनर्वास का जो मॉडल तैयार किया, उसे दुनिया ने सराहा.

2014 से अब तक ये प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव (Principal Secretary to PM) हैं. PMO के सारे कामकाज की कमान इनके हाथ में होती है. नीतिगत फैसले, मंत्रालयों से समन्वय, बड़े प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग और संकट के समय त्वरित निर्णय – सबमें इनकी अहम भूमिका रहती है. शांत स्वभाव, गहरी समझ और बारीक निगरानी के लिए मशहूर डॉ. मिश्रा को प्रधानमंत्री का “साइलेंट क्राइसिस मैनेजर” भी कहा जाता है.

कैबिनेट सचिव

कैबिनेट सचिव भारत सरकार का सबसे वरिष्ठ नौकरशाह होता है. यह पूरे सिविल सेवा तंत्र (आईएएस, आईपीएस, आईएफएस सहित सभी अखिल भारतीय सेवाओं और अन्य केंद्रीय सेवाओं) का प्रशासनिक प्रमुख होता है.

सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों के बीच समन्वय करना, कैबिनेट और उसकी समितियों को सचिवालय सहायता देना, प्रधानमंत्री और कैबिनेट के लिए सबसे विश्वसनीय सलाहकार के रूप में काम करना और वरिष्ठता के आधार पर सभी सचिवों से ऊपर रहना- ये इसके मुख्य काम होते हैं.

डॉ. टी. वी. सोमनाथन

डॉ. टी. वी. सोमनाथन (Dr. T. V. Somanathan) भारत के ऑल-राउंडर नौकरशाहों में से एक हैं. 1987 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी डॉ. सोमनाथन के पास अर्थशास्त्र में पीएचडी के साथ-साथ चार्टर्ड अकाउंटेंट, कॉस्ट अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी की योग्यताएं हैं. इनका करियर बेहद शानदार रहा है. विश्व बैंक में कार्यकारी निदेशक (भारत का प्रतिनिधित्व), प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव, फिर व्यय सचिव और वर्तमान में कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary) के रूप में तैनात हैं. शांत और बेहद तेज दिमाग वाले डॉ. सोमनाथन को सिविल सेवा का “सुपर ब्रेन” कहा जाता है. आज ये पूरे सरकारी तंत्र के प्रशासनिक प्रमुख हैं और प्रधानमंत्री के सबसे भरोसेमंद आर्थिक रणनीतिकारों में से एक हैं.

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