प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका में पहली बार आयोजित हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए शुक्रवार (21 नवंबर, 2025) को जोहन्सबर्ग पहुंचे. जोहान्सबर्ग के नासरेक में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने गर्मजोशी से हाथ जोड़कर नमस्ते करके पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया. पीएम मोदी ने भी उसी अंदाज में अभिवादन स्वीकार किया.
इस मौके पर भारतीय समुदाय के लोगों ने पीएम मोदी से मुलाकात की. पीएम मोदी का स्वागत युवाओं ने गणपति प्रार्थना, शांति मंत्र और अन्य आध्यात्मिक अर्चनाओं के साथ किया. इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें भारत के 11 राज्यों के लोक नृत्य भी प्रस्तुत किए गए.
जोहान्सबर्ग में किन-किन देशों को नेताओं से मिले पीएम मोदी
जोहान्सबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने रक्षा, सुरक्षा, खनिज, व्यापार और निवेश और अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की. वहीं, समिट में पीएम मोदी ने इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी से भी मुलाकात हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को मुस्कुराते हुए नमस्ते किया और हाथ मिलाया और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने उनके गले लगाकर अभिवादन किया.
PM मोदी ने शनिवार (22 नवंबर, 2025) को जोहान्सबर्ग में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से भी मुलाकात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि जोहान्सबर्ग में प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मिलकर बहुत अच्छा लगा.
इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोहान्सबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान सिएरा लियोन के राष्ट्रपति जुलियस माडा बियो, यूथोपिया के प्रधानमंत्री अबिये अहमद अली, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) की डायरेक्टर-जनरल डॉ. न्गोजी ओकोन्जो-इवेला, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन चिन्ह, सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वॉन्ग, अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंजाल्वेस लौरेंको, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, रिपब्लिक ऑफ कोरिया के राष्ट्रपति लि जे-म्यूंग, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से मुलाकात की.
G20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने दिया संबोधन
पीएम मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा, ‘पिछले कई दशकों में, जी-20 ने वैश्विक वित्त और वैश्विक आर्थिक विकास को दिशा दी है, लेकिन विकास के जिन पैरामीटर्स पर अबतक काम हुआ है, उनके कारण बहुत बड़ी आबादी संसाधनों से वंचित रह गई है. साथ ही, प्रकृति के अति शोषण को भी बढ़ावा मिला है. अफ्रीका इसका बहुत बड़ा भुक्तभोगी है. आज जब अफ्रीका पहली बार जी-20 समिट की मेजबानी कर रहा है, तो यहां हमें विकास के पैरामीटर्स पर फिर से विचार करना चाहिए.’
(रिपोर्ट- आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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