
पराग पारिख फाइनेंशियल एडवायजरी सर्विसेज (पीपीएफएएस) 2030 में स्टॉक मार्केट्स में लिस्टिंग पर विचार कर सकती है। पीपीएफएएस के सीईओ नील पारिख ने यह जानकारी दी। एनुअल यूनिटहोल्डर्स मीट में उन्होंने कहा कि कंपनी की लिस्टिंग के बारे में फैसला लेने में ईसॉप्स टाइमलाइन और टैक्स के नियमों को ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि फंड हाउस ने एंप्लॉयीज को कई सालों में ईसॉप्स दिए हैं। इसके अंतिम बैच का वेस्टिंग पीरियड करीब 2029-2030 होगा।
5 साल बाद लिस्टिंग पर एंप्लॉयीज को फायदा
उन्होंने कहा कि हम लिस्टिंग के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन यह अभी से 5 साल बाद होगी। उन्होंने कहा कि आईपीओ में देर करने से स्टाफ पर टैक्स का ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “5 साल से पहले लिस्ट कराने पर एंप्लॉयी को काफी ज्यादा टैक्स चुकाना होगा।” जब तक कंपनी लिस्ट नहीं होती है, एंप्लॉयीज को शेयरों की बुक वैल्यू पर टैक्स चुकाना होता है। लेकिन, कंपनी के लिस्ट होने और प्रीमियम पर लिस्ट होने पर एंप्लॉयीज पर टैक्स का बोझ काफी बढ़ जाता है।
पीपीएफएएस का ग्लोबल पीएमएस एचएनआई के लिए
पारिख ने कहा कि टाइमलाइन में आगे-पीछे हो सकता है। उन्होंने कहा, “हम धैर्य रखने वाले लोग हैं…यह हमारा प्लान है। मैं नहीं जानता कि यह होने जा रहा है या नहीं।” उन्होंने कहा कि पीपीएफएएस ने गुजरात से अपना सिटी ऑपरेशंस शुरू किया था। उन्होंने कहा, “ग्लोबल पीएमएस लाइव है। इसे एचएनआई सेगमेंट के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें मिनिमम इनवेस्टमेंट 75,000 डॉलर है। डिस्क्रेशनरी और एडवायजरी ऑफरिंग्स पहले से चल रहे हैं। “
इंटरनेशनल फंड के लिए मिली है मंजूरी
उन्होंने कहा कि एलआरएस इस्तेमाल करने वाले रेजिडेंट्स इंडियंस के लिए कंपनी की ग्लोबल अपॉर्चुनिटी पहले से ऑपरेशनल है। उन्होंने कहा, “हमें अपने ग्लोबल इंटरनेशनल पैसिव फंड के लिए पिछले हफ्ते मंजूरी मिली है।” उनका मतलब एसएंडपी 500 और नैस्डेक 100 को ट्रैक करने वाले प्रोडक्ट्स से था। इन फंड्स में मिनिमम 5,000 डॉलर से निवेश किया जा सकता है। इससे ज्यादा रिटेल इनवेस्टर्स इनमें निवेश कर सकेंगे।
पीपीएफएस ने इनबाउंड प्रोडक्ट्स के लिए भी अप्लाई किया है
पारिख ने बताया कि फर्म ने इनबाउंड प्रोडक्ट्स के लिए भी अप्लाई किया है। ये प्रोडेक्ट्स ऐसे विदेशी इनवेस्टर्स और एनआरआई के लिए होंगे जो गिफ्ट रूट के जरिए इंडिया में इनवेस्ट करना चाहते हैं। खासकर ऐसे इनवेस्टर्स जिनकी दिलचस्पी कंपनी के फ्लेक्सीकैप फंड में है। उन्होंने कहा, “हमने रेगुलेटर के पास अप्लाई कर दिया है। हम फीडबैक का इंतजार कर रहे हैं। अगले एक या दो महीने में एप्रूवल मिल सकता है। हम अगस्त के मध्य तक लॉन्च कर सकते है।”
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