घुसपैठियों को बचाने के लिए यात्रा लेकर निकले हैं कुछ राजनीतिक दल, अमित शाह बोले-SIR लोकतंत्र को बचाने का अभियान

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को गुजरात के भुज में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 61वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। यहां पर उन्होंने बीएसएफ के जवानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, सीमा सुरक्षा बल की हीरक जयंती पर ढेर सारी शुभकामनाएं। एक प्रकार से ये 6 दशक सीमा सुरक्षा बल ने देश के साथ ही पूरे विश्व को यह मानने के लिए मजबूर किया है कि जब तक देश की सीमा पर BSF है, देश का दुश्मन सीमा पर एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकता है।

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उन्होंने कहा, फ़र्स्ट रिस्पॉन्डर की जिम्मेदारी जिस वीरता और दक्षता से, और अपने प्रणों की आहुति देकर BSF के जवानों ने निभाई है, वह मेरे लिए-देश के गृहमंत्री के लिए-बहुत गौरव की बात है, अभिमान की बात है।  न केवल देश के प्रधानमंत्री, न केवल गृहमंत्री, समग्र देश की जनता आपकी वीरता को सैल्यूट करती है, आपकी दक्षता पर भरोसा करती है, और आपकी प्राणों के अंत तक देश की सुरक्षा करने की दृढ़ता से निश्चिंत होकर 12 महीने चैन की नींद सोती है।

उन्होंने आगे कहा, BSF के जवानों ने हमेशा सभी आपात स्थितियों में देश के अंदर भी, चाहे आतंकवाद का सामना करना हो, चाहे नक्सलवाद को समाप्त करने के लक्ष्य को सिद्ध करना हो, BSF के जवानों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, हमेशा कर्तव्य को प्रथम मानकर काम किया है।
कच्छ की धरती ने सबसे बड़ा भूकंप झेला है। देश में कई भूकंप हुए, जहां मैं स्वयं गया हूं, मगर सब जगह तीन दशक, चार दशक, पांच दशक के बाद भी भूकंप के अवशेष मिलते हैं। और मैं आज गर्व के साथ कहता हूं, कि हमारे कच्छ की जनता और कच्छी भाइयों के परिश्रम के कारण, कच्छ न केवल भूकंप से उभरा है, बल्कि भूकंप से पहले जैसा था, उससे कई गुना ज्यादा सुंदर और विकसित हुआ है।

गृहमंत्री ने आगे कहा, हमारे सभी CAPF में एक मात्र बल ऐसा है BSF, जो थल, नभ और जल—तीनों क्षेत्रों में, तीनों सीमाओं पर देश की सुरक्षा को समर्पित रहता है। भारत में घुसपैठ को रोकना न केवल देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रदूषित होने से बचाने के लिए भी घुसपैठ को रोकना जरूरी है। मगर दुर्भाग्य की बात है, कुछ राजनीतिक दल इन घुसपैठियों को बचाने के लिए यात्रा लेकर निकले हैं, और चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची में जो शुद्धिकरण का काम हो रहा है, उसके खिलाफ हैं।

 

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