Hindu Marriage: हिंदू धर्म में शादी से जुड़ी कई अनोखी रस्में निभाई जाती है. जिसमें एक रस्म दुल्हन से भी संबंधित है. नई नवेली दुल्हन विदाई के वक्त अपने पीछे चावल फेंकती हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि हिंदू धर्म में इस रस्म का क्या धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है? आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण.
हिंदू धर्म में बेटियों का काफी सम्मान किया जाता है, उन्हें मां लक्ष्मी या अन्नपूर्ण का रूप भी माना जाता है. जब दुल्हन शादी के वक्त अपने मायके से विदा होती है, तो यह माना जाता है कि, वह अपने मायके के लिए सुख समृद्धि और धन वैभव की कामना कर रही है.
चावल फेंकने की रस्म इसी शुभकामना का हिस्सा है, जिसका मतलब कभी भी घर में धन या अन्न की कमी न हो.
धर्मशास्त्र में चावल का महत्व
धर्मशास्त्रों में चावल को धन, समृद्धि और शुभता से जोड़ा जाता है. इसी वजह से विदाई के समय चावल का उपयोग किया जाता है. इस रस्म को मायके को खराब नजर से बचाने और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाएं रखने के लिए भी की जाती है.
यह रस्म इसलिए भी की जाती है, ताकि दुल्हन अपने परिवारवालों का धन्यवाद कर सकें. ये रस्म किसी भी दुल्हन के लिए खास माना जाता है.
विदाई के समय पीछे न देखने की मान्यता
जब किसी लड़की की विदाई होती है, तब उसे पीछे मुड़कर देखने की मनाही होती है, जिसका मतलब ये है कि, वह अपने मायके की खुशिया, सौभाग्य और सुख शांति अपने साथ नहीं ले जा रही है, बल्कि उसे छोड़कर जा रही है ताकि घर में खुशियां बरकरार रहे.
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