बिहार में गुरुवार (20 नवंबर 2025) को नीतीश कुमार समेत 27 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. नए मंत्रिमंडल पर गौर करें इसमें सामाजिक समीकरण को दुरुस्त करने की पूरी कोशिश की गई है. इसमें बीजेपी कोटे से 14, जेडीयू से 8, एलजेपी (आर) से दो, HAM और आरएलएम से एक-एक मंत्री बने हैं. नीतीश की इस कैबिनेट में हैरान करने वाली ये बात है कि जीतन राम मांझी की पार्टी 5 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी चार सीटों पर जीती थी और उनके कोटे से एक-एक मंत्री बने, लेकिन चिराग की पार्टी एलजेपीआर ने 19 सीटें जीतीं, उसके बाद भी उनके कोटे में सिर्फ दो ही मंत्री पद आए हैं. आखिर चिराग पासवान की बीजेपी और जेडीयू से क्या आश्वासन मिला है?
कैबिनेट विस्तार में एक विधायक और बन सकता है मंत्री
बिहार सरकार में कुल 36 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 27 मंत्रियों ने ही शपथ ली है और अभी भी नौ पद खाली है यानी अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी. हो सकता है कि आने वाले समय में जब नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो तो उसमें चिराग के कोटे से किसी विधायक को मंत्री बनाया जाए. चिराग पासवान खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बता चुके हैं और यह बात उन्होंने साबित भी कर दी है कि उनके बीजेपी आलाकमान के साथ सीधे संपर्क हैं और बिहार में सीट बंटवारे के दौरान क्षेत्रीय दलों में सबसे ज्यादा सीटें भी उनकी पार्टी को दी गई थीं. ऐसे में उन्हें बिहार और दिल्ली दोनों ही जगह अहमियत मिलेगी ही.
राज्यसभा की सीट का वादा
ये भी हो सकता है कि चिराग पासवान से बीजेपी-जेडीयू की ओर से वादा किया गया हो कि उनकी पार्टी से किसी को राज्यसभा भेजा जाएगा. हालांकि इस पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन जिस तरह राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को बिहार चुनाव से पहले न सिर्फ मंत्री पद बल्कि राज्यसभा की सीट का ऑफर दिया गया है, उससे तो यही लगता है कि चिराग पासवान को भी एलजेपीआर के कोटे से किसी को संसद के उच्च सदन पहुंचाने का आश्वासन मिला हो. अगर ऐसा होता है तो ये राम विलास पासवान के निधन के बाद पहली बार चिराग की पार्टी से कोई राज्यसभा का सदस्य होगा.
बिहार विधान परिषद की सीट
कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि चिराग पासवान की एलजेपी (आर) से किसी को बिहार विधानसभा परिषद (MLC) भेजा जा सकता है. नीतीश की नई कैबिनेट में उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश ने भी मंत्री की शपथ ली. बीजेपी की ओर से उन्हें पहले ही वादा किया गया था कि उनकी पार्टी से एक एमएलसी बनाया जाएगा. दीपक की शपथ के बाद ये तय हो गया है कि अब उन्हें ही एमएलसी बनाया जाएगा. उसी तरह जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने भी मंत्री पद की शपथ ली है और वो फिलहाल बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. ऐसे में इसकी पूरी संभावना है कि चिराग पासवान को भी एमएलसी की सीट के लिए आश्वासन मिला हो.
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