US-India Missile Deal: भारत समय के साथ अपने सुरक्षा बेड़े में इजाफा कर रहा है. एक तरफ भारत ब्रह्मोस मिसाइल को दूसरे देशों को बेच रहा है, तो दूसरी तरफ भारत अमेरिका के साथ भी बड़ी डील फाइनल कर रहा है. दरअसल, अमेरिका ने भारत के साथ दो बड़े सौदों पर मुहर लगा दी है. इसमें एक जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम और दूसरा एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल है. इसमें जेवलिन मिसाइल का इस्तेमाल यूक्रेन और रूस की जंग में किया जा रहा है. ये आसानी से बड़े-बड़े टैंकों को आसानी से तबाह करने में सक्षम है.
US-भारत के बीच दो डील पर बनी सहमति
अमेरिका ने भारत को जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइलें बेचने की मंजूरी दी है. इसका ऐलान अमेरिका की डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) ने किया. दो डील की कुल कीमत 93 मिलियन डॉलर (लगभग 780 करोड़ रुपये) है. इसमें एक जेवलिन मिसाइल सिस्टम और दूसरा एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल है. जेवलिन मिसाइल का इस्तेमाल अभी यूक्रेन-रूस की जंग में किया जा रहा है.
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क्या है जेवलिन मिसाइल सिस्टम?
जेवलिन मिसाइल हाल फिलहाल में यूक्रेन और रूस की जंग के बीच चर्चा में आई. यह एक एडवांस पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) है. इसे बनाने वाली अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन और रेटियॉन (RTX) कंपनियां हैं. इसे ‘फायर एंड फॉरगेट’ मिसाइल कहा जाता है. ये मिसाइल टारगेट को खोजकर हमला करती है. इस मिसाइल का इस्तेमाल यूक्रेन ने रूस के कई टैंकों को तबाह करने के लिए किया था.
एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल क्या है?
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत को Excalibur Projectiles (आर्टिलरी गोले) और उससे जुड़े उपकरण बेचने की मंजूरी दे दी है. इसकी अनुमानित कीमत करीब 47.1 मिलियन डॉलर (लगभग 400 करोड़ रुपये) है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने इसका इस्तेमाल किया था.
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