
लेकिन सवाल ये है कि अगर आप एकदम से तेल लगाना बंद कर दें? मान लीजिए पूरे महीने बालों को तेल नहीं लगाया, तो क्या फर्क पड़ता है? शुरुआत में शायद आपको कुछ महसूस ही न हो. चिपचिपाहट नहीं होगी, बाल हल्के लगेंगे और सब नॉर्मल लगेगा.

कुछ हफ्ते बीतने पर बदलाव धीरे-धीरे महसूस होने लगते हैं. बालों के सिरों में रूखापन आता है, फ्रिज बढ़ जाता है और स्कैल्प पर हल्का-सा कसाव महसूस हो सकता है. जो चमक पहले नजर आती थी, वो कम हो जाती है. नरमी भी वैसी नहीं रहती.

दरअसल, तेल सिर्फ बालों को सुंदर नहीं दिखाता, वह उन्हें सुरक्षा भी देता है. यह एक ऐसी परत बनाता है जो धूल, धूप, गर्मी और यहां तक कि पानी की नुकसान पहुंचाने वाली कठोरता से बचाती है. जब यह परत हट जाती है तो बाल हर चीज़ के सीधे संपर्क में आ जाते हैं. उन्हें धोना भी थोड़ा कठोर लगता है और कंघी करना भी रुखा महसूस हो सकता है.

अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें तेल की मालिश एक तरह का मानसिक आराम देती है, तो उसकी कमी मूड में भी दिखाई दे सकती है. मालिश से मिलने वाली गर्माहट और रिलेक्सेशन कई बार तनाव कम करते हैं और बिना तेल लगे यह चीज गायब हो जाती है.

हालांकि, हर किसी को ये बदलाव महसूस नहीं होते. अगर आपके बाल स्वाभाविक रूप से ऑयली हैं, आप नम मौसम वाले इलाके में रहते हैं या फिर नियमित रूप से लीव-इन कंडीशनर और हेयर मास्क इस्तेमाल करते हैं, तो आपको शायद ज्यादा फर्क न दिखे. लेकिन जिनके लिए तेल ही मुख्य हाइड्रेशन का जरिया है, उनके बाल खासकर सर्दियों या सूखे मौसम में जल्दी रूखे पड़ सकते हैं.

एक्सपर्ट मानते हैं कि संतुलन जरूरी है. रोज-रोज तेल लगाना भी जरूरी नहीं, लेकिन पूरी तरह छोड़ देना भी सही नहीं. चाहें तो हल्के तेलों का इस्तेमाल करें या हफ्ते में एक-दो बार लगाकर देख लें. क्योंकि कई बार बात सिर्फ बालों की नहीं होती. बल्कि उस सुकून भरी गर्म मालिश, अपने लिए निकाले गए समय और उन बचपन की यादों की भी होती है.
Published at : 20 Nov 2025 12:32 PM (IST)
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