Sathya Sai Baba Shatabdi Samaroh: आज 19 नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध प्रदेश के दौरे पर हैं. पीएम मोदी सुबह 10 बजे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के साथ जाकर श्री सत्य साईं बाबा के पवित्र मंदिर में उनकी महासमाधि पर जाकर भाव पूर्वक श्रद्धांजलि दी.
2011 में सत्य साईं बाबा की महासमाधि के बाद यह उनका सबसे बड़ा समारोह है. इस समारोह के लिए कई बड़ी तैयारियां की गई और उनके भक्तों को भी इस आयोजन का बेसब्री से इंतजार था.
बाबा के इस 100वें जन्म दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए. आइए जानते हैं सत्य साईं बाबा के बारे में कुछ विशेष बाते जानें.
सत्य साईं बाबा के भक्तों में देश के दिग्गज भी शामिल
सत्य साईं बाबा के शिष्य पूरी दुनिया में फैले हुए है. ऐसा माना जाता कि उनके शिष्य 150 से ज्यादा देशों में है. जो उनके प्रति गहरी आस्था और इस जन्म शताब्दी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.
देश के कई बडे़ लोग जैसे, दिग्गज पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, बड़े राजनेता और सेलिब्रिटीज भी सत्य साईं बाबा के भक्तों में शामिल हैं.
बाबा का जन्म 23 नवंबर 1926 को आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में हुआ था. सत्य साईं बाबा ने अपने जीवन काल में कई चमत्कार किए है. जिसके लिए वे जाने जाते रहें.
साईं बाबा के थे अवतार
सत्य साईं बाबा के प्रति लोगों की श्रद्धा बेहद गहरी है. बड़ी संख्या में भक्त उन्हें शिर्डी के साईं बाबा का अवतार मानते हैं. यही नहीं, मात्र 14 साल की उम्र में स्वयं सत्य साईं बाबा ने यह घोषणा की थी कि वे शिवशक्ति के स्वरूप और शिरडी साईं के अवतार हैं.
हालांकि उनका जीवन सरल नहीं रहा. बचपन से ही उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. हाई स्कूल के दिनों में एक बार बिच्छू के काटने के बाद वे कई दिनों तक कोमा में रहे. लेकिन जब उन्हें होश आया, तो वे पूरी तरह से बदल चुके थे. उनके व्यवहार, सोच और दिनचर्या में अद्भुत परिवर्तन दिखाई देने लगा.
उन्होंने धीरे-धीरे अन्न-जल का त्याग कर, अपना ज्यादा से ज्यादा समय श्लोक पाठ और मंत्रजाप में लगाया. सामाजिक कार्यों में सत्य साईं बाबा का योगदान अक्सर चर्चा में रहा. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और जल आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में कई बड़े प्रकल्प शुरू किए, जिनसे लाखों लोगों को सीधा लाभ भी मिला.
1. बाबा की पांच मानव मूल्य पर शिक्षा
सत्य साईं बाबा ने अपनी शिक्षा को पांच मानव मूल्यों में आधारित किया है. जिनको उन्होंने पंचशील का नाम दिया. ये पंचशील है- सत्य, धर्म, शांति, प्रेम, अहिंसा. माना जाता है कि बाबा के दर्शन मानवतावादी थे.
2. बाबा की दूसरी विशेष शिक्षा
बाबा की प्रमुख सेवा में से एक ‘सबको प्रेम करो, सबकी सेवा करो‘ था. जो दया और निस्वार्थ से जीने को कहती है. उनका मानना था की जीव में ही ईश्वर है. इसलिए सच्ची पूजा मानव में ही निहित है.
3. देशप्रेम सर्वोपरि
सत्य साईं बाबा ने अपनी प्रमुख शिक्षाओं में राष्ट्र के प्रति कर्तव्यनिष्ठा को अत्यंत महत्वपूर्ण माना बताया है. उनका कहना था कि जिस तरह व्यक्ति अपने धर्म के प्रति निष्ठावान रहता है, उसी तरह उसे देश के कानूनों का पालन भी पूरी ईमानदारी और आदर के साथ करना चाहिए.
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