Who Was Jamal Khashoggi: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अभी अमेरिका पहुंचे हैं. उनका 2018 के बाद ये पहला दौरा है. इस दौरे पर फिर से उनको जमाल खशोगी हत्या से जुड़े सवालों का सामना करना पड़ा है. दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के साथ मीटिंग के दौरान जमाल खशोगी से जुड़ा एक सवाल प्रिंस से पूछा गया, जिससे वह असहज हो गए. उसी वक्त से खशोगी का नाम एक बार फिर से चर्चा में आया. खशोगी की हत्या 7 साल पहले की गई थी, जिसमें सऊदी के शाही परिवार का नाम सामने आया था. जानिए जमाल खशोगी कौन थे और उनकी हत्या क्यों की गई थी?
कौन थे जमाल खशोगी?
जमाल खशोगी का जन्म सऊदी अरब के मदीना में हुआ था. वह एक अमीर परिवार से ताल्लुक रखते थे. उनका जीवन भी सऊदी के शाही परिवार के इर्द-गिर्द बीता है. उनके दादा मोहम्मद खशोगी भी सऊदी अरब के संस्थापक शाह अब्दुल अजीज के पर्सनल डॉक्टर थे. खशोगी सऊदी अरब के सबसे पुराने अखबार अल-मदीना के साथ जुड़े. यहीं से उनकी आवाज दुनिया भर में गूंजने लगी. उनको एक मुखर पत्रकार के तौर पर जाना जाता था.
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बड़े पद पर रहे खशोगी
सऊदी के शाही परिवार के ऐसे फैसले जो जमाल खशोगी को पसंद नहीं आते थे, उन पर वह खुलकर बोलते थे. इसके अलावा, उन्होंने ओसामा बिन लादेन के हमलों को लेकर भी काफी आवाज उठाई. खशोगी ने इस बीच कई बार ओसामा बिन लादेन का इंटरव्यू भी लिया था. खशोगी अल-वतन के संपादक भी रहे. इसके बाद पत्रकारिता से उन्होंने ब्रेक लिया और सऊदी अरब के राजदूत प्रिंस तुर्की अल-फैसल के सलाहकार और प्रवक्ता के तौर पर काम करने लगे.
जब सऊदी सत्ता में हुआ परिवर्तन
2015 में सऊदी किंग अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज का निधन हो गया. इसके बाद उनके सौतेले भाई सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद को उनकी जगह जिम्मेदारी दी गई. इसी दौरान, सलमान ने अपने बेटे मोहम्मद बिन सलमान (MBS) को रक्षा मंत्री बना दिया. बिन सलमान ने दो हमीने के अंदर ही यमन पर बमबारी करने का आदेश दिया, जिससे गृहयुद्ध के हालात बन गए.
जमाल और डोनाल्ड ट्रंप का विवाद
साल 2016 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर भी जमाल खशोगी के बीच विवाद देखने को मिला. उन्होंने ट्रंप की आलोचना की. इससे सऊदी अरब के शाही परिवार को दिक्कत हुई, क्योंकि इनमें से कई ने ट्रंप को अपना समर्थन दिया था. खशोगी ने आलोचना की तो सऊदी सरकार ने उनसे खुद को अलग करने का फैसला लिया. सरकार ने इन विचारों को खशोगी का अपना बताते हुए कहा कि सरकार का वह किसी भी तरह से प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं और यह विचार उनके ही हैं.
अपना देश छोड़ने पर मजबूर हुए खशोगी
रिपोर्ट्स कहती हैं कि कुछ दिन बाद ही सऊदी सरकार ने उन पर पाबंदियां लगानी शुरू कर दी. उनके किसी टीवी पर इंटरव्यू देने या किसी भी सम्मेलन में जाने पर पाबंदी लगा दी. यहां तक कि वह किसी के लिए ट्वीट भी नहीं कर सकते थे. इसके बाद 2017 में कुछ लेखकों की गिरफ्तारियां हुईं, जिसमें खशोगी को भी अपना देश छोड़कर अमेरिका जाना पड़ा. उसी साल मोहम्मद बिन सलमान को क्राउन प्रिंस बनाया गया था.
शादी की तैयारी कर रहे थे खशोगी
खशोगी कई बड़ी न्यूज साइटों के लिए लिखते थे. उनके लेख इतने तीखे होते थे कि किसी को भी परेशान कर सकते थे. इस बीच उनके सऊदी सरकार के साथ भी रिश्ते अच्छे नहीं थे. साल 2018 में वह शादी की तैयारी कर रहे थे. इसके लिए कुछ डॉक्यूमेंट्स की जरूरत थी, जिन्हें लेने के लिए वह इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब की कमर्शियल एंबेसी गए थे. उस दौरान उनकी मंगेतर भी उन्हीं के साथ थी, लेकिन वह बाहर इंतजार कर रही थीं.
इस्तांबुल में हुई खशोगी की हत्या
2 अक्टूबर 2018 को खशोगी इस्तांबुल सऊदी अरब की कमर्शियल एंबेसी पहुंचे. कहा जाता है कि पहले से ही एंबेसी में कुछ लोग मौजूद थे, जिन्हें सऊदी अरब सरकार ने भेजा था. इस बात की जानकारी तुर्की खुफिया एजेंसियों की तरफ से दी गई थी. एंबेसी में अंदर जाने के करीब 10 मिनट बाद ही जमाल खशोगी की मौत हो गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ही उनकी हत्या करने की मंजूरी दी थी. हालांकि, सऊदी इस बात से इंकार करता आया है.
फिर से सुर्खियों में आया खशोगी का नाम
जमाल खशोगी 2025 में फिर से सुर्खियों में आ गए हैं. दरअसल, क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अभी अमेरिका में हैं. वहां पर ट्रंप के साथ मीटिंग के दौरान पत्रकारों ने जमाल खशोगी की हत्या से जुड़े सवाल पूछे. हालांकि, इन सवालों पर डोनाल्ड ट्रंप ने प्रिंस का बचाव करते हुए इसे केवल एक घटना बताया.
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