Margashirsha Purnima 2025: हिंदू धर्म में पूर्णिमा एक त्योहार की तरह मनाई जाती है. इस साल की आखिरी पूर्णिमा 4 दिसंबर 2025 को है, ये मार्गशीर्ष पूर्णिमा होगी. धर्म के नजरिए से देखें तो पूर्णिमा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने का महत्वपूर्ण दिन है. वहीं वैज्ञानिक आधार पर पूर्णिमा तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर की अपनी कक्षा में सीधे सूर्य के विपरीत होता है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 मुहूर्त
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर 2025 को सुबह 8.37 पर शुरू होगी और अगले दिन 5 दिसंबर 2025 को सुबह 4.43 पर समाप्त होगी. इस दिन अन्नपूर्णा जयंती भी मनाई जाएगी.
- स्नान-दान मुहूर्त – सुबह 5.10 – सुबह 6.04
- सत्यनारायण पूजा – सुबह 10:53 – दोपहर 1.29
- चंद्रोदय समय – दोपहर 4.34
मनुष्य पर पूर्णिमा का प्रभाव
पूर्णिमा का दिन चंद्रमा से खास संबंध रखता है, क्योंकि इस रात को चंद्रमा पूर्ण कला से निपुर्ण होता है. चांद मन का कारक है, चंद्रमा की किरणें इंसान, पशु-पक्षी पेड़, पानी और हर प्रजाति को प्रभावित करती हैं. पूर्णिमा का जप-तप आध्यात्मिक साधकों को अपने भीतर के देवत्व को महसूस करने और अवचेतन मन को चेतन मन की ओर खींचने में मदद करता है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान श्री विष्णु को पंचामृत से स्नान कराकर, खीर का भोग लगाकर, पीले पुष्प अर्पित करें. घर पर सत्यनारायण की कथा करें. मान्यता है इससे पापों का नाश होता है, समस्त भौतिक एवं सांसारिक सुखो की प्राप्ति होती है.
पूर्णिमा का उपाय
पूर्णिमा के दिन एक आटे का दीपक बनाकर उसमें तिल का तेल भरकर उस दीपक को प्रात: पीपल के वृक्ष के नीचे जलाकर अपनी मनोकामना कहें . मान्यता है कि इस उपाय को करने से धन मार्ग में आने वाली बाधाओं का निवारण होता है, कार्यों में सफलता मिलने लगती है.
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