दिल्ली में लाल किला के पास हुए आतंकी धमाका और इसके बाद श्रीनगर में हुए विस्फोट को लेकर बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलोच का बड़ा बयान सामने आया है. मीर ने कहा कि भारत में हुआ हमला पाकिस्तान की ओर से युद्ध का ऐलान है.
मीर यार ने कहा, ‘पिछले 78 सालों में दुनिया को पाकिस्तान के साथ संबंध बनाए रखने से आतंकवाद, खूनखराबा, अस्थिरता, परमाणु हथियार, ब्लैकमेलिंग की रणनीति और देश की गिरती अर्थव्यवस्था को सहारा देने के बोझ के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ है.’
बलूच कार्यकर्ता मीर ने क्या कहा?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मीर ने कहा, ‘पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जिसका इतिहास गढ़ा गया है, जिसकी अर्थव्यवस्था बलूचिस्तान के विशाल संसाधनों के दोहन से चलती है और जिसकी सेना ने आतंकवादी समूहों को बढ़ावा दिया और ट्रेनिंग दी, जिससे कभी न खत्म होने वाले संघर्ष का एक चक्र चलता रहता है. ऐसा लगता है कि पाकिस्तान एक बार फिर भारत में 1990 के दशक जैसी स्थितियां पैदा करने के लिए तैयार है.’
No Pakistan No Problem,
Mir Yar Baloch
15 November 2025
Over seventy-eight years, the world has gained nothing from maintaining its relationship with Pakistan except terrorism, bloodshed, instability, nukes blackmailing tactics and the burden of supporting Pakistan’s failing… pic.twitter.com/eJnic1QwRN
— Mir Yar Baloch (@miryar_baloch) November 15, 2025
उन्होंने कहा, ‘बलूचिस्तान के रक्षा विश्लेषकों ने निष्कर्ष निकाला है कि पाकिस्तान का आतंकवाद छोड़ने का कोई इरादा नहीं है और इसलिए जैसा कि इजरायल ने किया है, दिल्ली को भी बड़े पैमाने पर निर्णायक कार्रवाई पर विचार करना चाहिए. इजरायल एक साथ कई और अधिक शक्तिशाली देशों पर हमले करता रहता है, जबकि पाकिस्तान भारत से एक महीने तक भी लगातार टकराव नहीं झेल पाएगा. इसलिए भारत के लिए यह जरूरी है कि वह पाकिस्तान के आतंकवादी हमलों से शुरू हुए संघर्ष को निर्णायक रूप से समाप्त करे.’
मीर ने यह भी कहा, ‘अफगानिस्तान में, भारत को बगराम के साथ-साथ कम से कम दस अतिरिक्त हवाई अड्डे बनाने चाहिए ताकि अफगानिस्तान की जमीन से सैन्य अभियान शुरू किए जा सकें और उसे अपने हवाई क्षेत्र की सुरक्षा और पाकिस्तानी हवाई हमलों को रोकने के लिए डिफेंस सिस्टम और लंबी दूरी की मिसाइलें उपलब्ध करानी चाहिए.‘
अफगानिस्तान में सैन्य एयरबेस बनाए भारत: मीर यार बलोच
मीर ने जोर देते हुए कहा कि भारत को बलूचिस्तान और अफगानिस्तान, दोनों को आपातकालीन आधार पर खुले तौर पर रक्षात्मक और सैन्य सहायता प्रदान करनी चाहिए.
मीर ने कहा कि ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा के लिए दिल्ली और काबुल को संयुक्त रूप से एक भारत-अफगानिस्तान-बलूचिस्तान त्रिपक्षीय सम्मेलन की मेजबानी करनी चाहिए ताकि पाकिस्तानी सेना द्वारा छेड़े गए आतंकवाद और छद्म युद्धों का मुकाबला करने के रास्ते तलाशे जा सकें.
उन्होंने कहा कि बलूच नेताओं को भारत आमंत्रित करना पाकिस्तान के दशकों पुराने आतंकवाद के ताबूत पर आखिरी कील साबित होगा. भारत और अफगानिस्तान में स्थायी शांति तभी संभव है जब बलूचिस्तान एक स्वतंत्र राज्य बने.
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