Makkah Masjid: पौराणिक काल से प्रसिद्ध हैदराबाद का मक्का मस्जिद देश के सभी बड़े मस्जिदों में से एक है. इस मस्जिद में एक साथ 10,000 से ज्यादा लोग नमाज़ अदा कर सकते हैं. मगर कई लोग यह नहीं जानते है कि इस मस्जिद का नाम मक्का मस्जिद क्यों है, क्या है इसके पीछे का कारण.
मक्का मस्जिद का निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था. जिसको कुतुब शाही वंश के छठे शासक सुलतान मुहम्मद कुतुब शाह ने करवाया था. उन्होंने इसके निर्माण सऊदी अरब के मक्के से लाई मिट्टी से ईंटें बनवाकर मस्जिद के मेहराब के बनावट में इससे इस्तेमाल किया था.
जिसका बाद से इसको मक्का मस्जिद के नाम से जाना जाने लगा.
मक्का मस्जिद का रचना कब हुई?
हैदराबाद की ऐतिहासिक मक्का मस्जिद के निर्माण का कार्य साल 1617 में सुल्तान मुहम्मद कुतुब शाह के समय शुरू हुआ था. कहा जाता है कि इसकी आधारशिला खुद सुल्तान ने रखी थी. इस विशाल और खूबसूरत मस्जिद को बनाने में करीब 8,000 मजदूरों ने अपना योगदान दिया था.
हालांकि इसका निर्माण पूरी तरह औरंगज़ेब के शासनकाल में 1693 में जाकर पूरा हुआ था.
मक्का मस्जिद की एक और खास बात यह है कि यहां से चारमीनार का दृश्य बेहद मनमोहक दिखाई देता है. मस्जिद की शांति और चारमीनार का सुंदर नज़ारा मिलकर आगंतुकों को एक अलग ही अनुभव प्रदान करते हैं, जिसकी वजह से यह स्थान पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का स्थान बना हुआ है.
मस्जिद से जुड़ी दुखद दुर्घटना
इस पवित्र स्थान पर एक दुखद दर्दनाक घटना भी हुई थी. 18 मई 2007 को जुम्मे की नमाज़ के दौरान हुए बम धमाके ने पूरे देश को हिला दिया था. इस विस्फोट में लगभग 16 लोगों की जान गई और कई लोग घायल हुए.
आज भी यह घटना लोगों की स्मृतियों में ताज़ा है और मस्जिद के इतिहास का एक दुखद अध्याय भी मानी जाती है.
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