Cough Syrup: बच्चों को कफ सिरप कब देना फायदेमंद और कब खतरनाक? जान लें हर बात


Cough Syrup for Children: जब बच्चे को खांसी होती है, तो माता-पिता का पहला कदम अक्सर होता है. खांसी की सिरप देना. लेकिन चाइल्ड रोग एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसा करना हमेशा सही नहीं है. जरूरत से ज्यादा खांसी की दवाएं बच्चों को फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान पहुंचा सकती हैं. ये न सिर्फ असली कारण को छिपा देती हैं, बल्कि कभी-कभी गंभीर साइड इफेक्ट या जहर जैसा असर भी कर सकती हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चों की खांसी का सही इलाज तभी संभव है जब पहले उसके कारण को समझा जाए. कई बार साधारण घरेलू उपाय ही राहत देने के लिए काफी होते हैं. दवाओं का इस्तेमाल सिर्फ जरूरी हालात में और डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए.

हर खांसी में दवा की जरूरत नहीं होती

अक्सर बच्चों की खांसी वायरल इंफेक्शन, जैसे सर्दी या फ्लू की वजह से होती है. ये अपने आप कुछ दिनों में ठीक हो जाती है. खांसी की सिरप सिर्फ लक्षणों को छिपाती है, कारण को नहीं मिटाती. इस वजह से असली बीमारी की पहचान देर से होती है, खासकर अगर खांसी अस्थमा, एलर्जी या किसी गंभीर संक्रमण की वजह से हो.

 ज्यादा खांसी की दवा बन सकती है जहर

अधिकतर खांसी की दवाओं में डिकंजेस्टेंट, एंटीहिस्टामिन या कभी-कभी कोडीन जैसे तत्व होते हैं. इनकी ज्यादा मात्रा से बच्चे में नींद आना, चक्कर आना, धड़कन बढ़ना, मितली या सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानी हो सकती है. बच्चों का शरीर दवाओं के प्रति ज्यादा संवेदनशील होता है, इसलिए थोड़ी सी ओवरडोज भी गंभीर असर डाल सकती है.

बच्चे दवाओं को अलग तरीके से पचाते हैं

बड़ों के मुकाबले बच्चों का लिवर और किडनी पूरी तरह विकसित नहीं होते. इस वजह से दवाएं उनके शरीर में लंबे समय तक रहती हैं और ज्यादा असर करती हैं. जो डोज बड़ों के लिए सामान्य होती है, वही बच्चों में ज्यादा असर दिखा सकती है. इसलिए डॉक्टर हमेशा बच्चों को वजन के आधार पर दवा देते हैं, न कि अंदाजे से.

 घरेलू नुस्खे हैं ज्यादा सुरक्षित और असरदार

डॉक्टरों का कहना है कि हल्की खांसी के लिए घर के आसान उपाय ज्यादा फायदेमंद हैं.  एक साल से बड़े बच्चों को शहद देना गले को आराम देता है और रात की खांसी कम करता है. गर्म सूप, हर्बल चाय या सादा गर्म पानी गले को कोट करता है और जलन कम करता है. भाप लेना या नमक के पानी की नाक में कुछ बूंदें डालना जकड़न को कम करता है. इसके साथ ही खूब पानी पीना और पर्याप्त आराम लेना शरीर को खुद रिकवरी में मदद करता है. ये उपाय सस्ते, सुरक्षित और बिना किसी साइड इफेक्ट के हैं.

 कब जरूरी होती है खांसी की सिरप?

कुछ खास परिस्थितियों में डॉक्टर खांसी की सिरप दे सकते हैं, जैसे एलर्जिक खांसी, काली खांसी या बैक्टीरियल इंफेक्शन, जिसमें एंटीबायोटिक की जरूरत होती है. लेकिन तब भी दवा की मात्रा, अवधि और प्रकार डॉक्टर ही तय करते हैं. बिना सलाह के खुद से बच्चों को दवा देना बेहद खतरनाक हो सकता है. डॉक्टर जयकिशन त्रिपाठी, कंसल्टेंट पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर ने TOI को बताया कि “खांसी शरीर की एक सुरक्षा प्रतिक्रिया है, जो फेफड़ों से बलगम और गंदगी बाहर निकालती है. इसे जरूरत से ज्यादा दबाने की कोशिश करना नुकसानदायक हो सकता है.”

ये भी पढ़ें: Heart Attack: घर में अकेले हैं और आ गया हार्ट अटैक? सबसे पहले करें ये काम

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator

Read More at www.abplive.com