चीन ने एक बार फिर से अपने कारनामों से दुनिया को चौंका दिया है. हाल ही में चीन के शेनझोउ-21 अंतरिक्ष मिशन से लौटाए गए जीव विज्ञान नमूने शनिवार (15 नवंबर 2025) तड़के बीजिंग के स्पेस एप्लिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर पहुंचे. ग्लोबल टाइम्स और चीनी विज्ञान अकादमी की रिपोर्ट के अनुसार इस बार जो बैच धरती पर लौटकर आया है, उसे खास माना जा रहा है, क्योंकि इसमें चार चूहे, ज़ेब्रा फिश, प्लैनेरियन, हॉर्नवॉर्ट, ब्रेन ऑर्गेनॉइड और सूक्ष्मजीव स्ट्रेप्टोमाइस शामिल हैं. कुल वजन लगभग 46.67 किलोग्राम है और ये 26 शोध योजनाओं से संबंधित हैं.
चूहे जैसे जीवित नमूनों को केंद्र में पहुंचते ही तुरंत संभाला गया. वहां वैज्ञानिक उनके व्यवहार, शारीरिक बदलावों और जैविक प्रतिक्रियाओं का अध्ययन शुरू कर चुके हैं. अंतरिक्ष में रहने से शरीर किस तरह बदलता है. इम्यून सिस्टम कैसे रिएक्शन देती है और न्यूरो सिस्टम में क्या अंतर आता है. इन सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जाएगी. अगले चरण में इन पर सेल लेवल पर स्टडी होगी, ट्रांसक्रिप्टोमिक और प्रोटिओमिक विश्लेषण होंगे. यह शोध भविष्य में मानव अंतरिक्ष यात्राओं और लंबी अवधि के चंद्र या ग्रह मिशनों की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
Four mice and other samples brought back to Earth from #China‘s space station @CNSpaceStation for further testing pic.twitter.com/xvNXJJV26A
— ShanghaiEye🚀official (@ShanghaiEye) November 16, 2025
अंतरिक्ष से लौटी एडवांस चीजें नए वैज्ञानिक संकेत
जीव विज्ञान के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण सामग्री विज्ञान नमूने भी धरती पर वापस लाए गए. इनमें टंगस्टन–हाफ़नियम मिश्रधातु, नई चुंबकीय सामग्री, रिलैक्सर फेरोइलेक्ट्रिक क्रिस्टल और विशेष दहन नमूने शामिल हैं. अंतरिक्ष में मौजूद माइक्रोग्रेविटी वातावरण में किसी भी पदार्थ का व्यवहार धरती से बिल्कुल अलग होता है. ऐसे माहौल में क्रिस्टल बनावट, ठोस होने की प्रक्रिया, रासायनिक संरचना और Electromagnetic properties अजीब तरह से बदल जाते हैं. बीजिंग में शोधकर्ता इस बात का गहराई से अध्ययन करेंगे कि इन सामग्रियों में अंतरिक्ष के कारण क्या परिवर्तन आए. इन परिणामों से भविष्य में ऐसी नई तकनीकों का रास्ता खुलेगा, जिनका उपयोग चंद्र आधार के निर्माण, अधिक मजबूत सौर पैनलों, विशेष ऑप्टिकल फाइबर और सुरक्षित अंतरिक्ष संचार प्रणालियों में किया जा सकेगा.
आग के व्यवहार की नई समझ
शेनझोउ-21 से वापस आए फायर साइंस नमूने भी वैज्ञानिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. अंतरिक्ष स्टेशनों में आग का व्यवहार पृथ्वी से अलग होता है, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण के अभाव में ताप, ऑक्सीजन और गैसों का प्रवाह पूरी तरह बदल जाता है. लौटाए गए नमूनों के आधार पर विशेषज्ञ यह जानने की कोशिश करेंगे कि ईंधन कैसे जलता है, लौ किस आकार में बनती है और तापमान किस तरह घूमता है. इस तरह के अध्ययन से भविष्य के अंतरिक्ष यानों में सुरक्षा बढ़ेगी, ऊर्जा प्रणालियां अधिक प्रभावी बनेंगी और लंबी अवधि वाले स्पेस मिशनों में आग से जुड़ी संभावित समस्याओं से निपटना आसान होगा.
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