दिल्ली के मुख्य बाजारों में लाल किला के पास विस्फोट के बाद से सन्नाटा पसरा हैं. डर अब भी कायम है, इसलिए कई बाहरी खरीदार अब व्यक्तिगत रूप से बाजारों में आने के बजाय ऑनलाइन ऑर्डर करना पसंद कर रहे हैं. सोमवार शाम को हुए इस विस्फोट से सदर बाजार और चांदनी चौक जैसे थोक व्यापार केन्द्रों में व्यापार प्रभावित हुआ है, जहां आमतौर पर त्योहारों और शादी के मौसम में भारी कारोबार होता है.
सदर बाजार संघ के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने कहा, ‘आमतौर पर यह हमारा व्यस्त समय होता है क्योंकि दूसरे राज्यों से व्यापारी शादियों और सर्दियों के लिए सामान खरीदने आते हैं लेकिन अब ज्यादातर व्यापारी ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं.’
पम्मा ने कहा, ‘विस्फोट के बाद से बाजार में आने वाले लोगों की संख्या में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. स्थानीय पुलिस और सदर बाजार संघ मिलकर बाजार में कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन कर रहे हैं ताकि सभी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.’
बाजार में आ रहे बहुत कम ग्राहक
चांदनी चौक व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय भार्गव ने कहा, “इलाके की गति पूरी तरह थम गई है. बाजार में बहुत कम ग्राहक आ रहे हैं.” उन्होंने कहा कि ग्राहक और व्यापारी दोनों अब भी डर के साये में हैं. भार्गव ने कहा, “हालात सामान्य होने में कम से कम एक महीना लगेगा. कई ग्राहक बाजार आने से हिचक रहे हैं और कुछ दुकानदार, जिनकी दुकानें विस्फोट स्थल के पास हैं, अब भी अपनी दुकानें खोलने से डर रहे हैं.”
हालांकि, सरोजिनी नगर के बाजार में विस्फोट का प्रभाव नहीं देखा गया और वहां ग्राहकों का आना-जाना जारी है. सरोजिनी नगर बाजार संघ के अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने कहा, ‘कल शाम को भी अच्छी संख्या में ग्राहक आए. मंगलवार को बाजार में सन्नाटा था, लेकिन बुधवार तक भीड़ सामान्य हो गई.’
लाजपतराय का मार्केट पूरी तरह बंद
इस बीच, चांदनी चौक के पास स्थित और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के लिए मशहूर लाजपत राय मार्केट लगभग पूरी तरह बंद है. इसकी संकरी गलियां, जो आमतौर पर खरीदारों और कुलियों से भरी रहती थीं, अब खाली पड़ी हैं. बाजार के एक दुकानदार सुभाष राय ने कहा, ‘हमारी दुकान पिछले दो दिनों से बंद है.
‘ब्लास्ट ने आजीविका के साथ पैदा किया भय’
उन्होंने कहा, ‘इस घटना ने न केवल हमारी आजीविका को प्रभावित किया है, बल्कि यह भय भी पैदा कर दिया है कि कभी भी कुछ भी हो सकता है.’ सोमवार शाम करीब छह बजकर 52 मिनट पर लाल किले के पास हुए भीषण विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. विस्फोट इतना भीषण था कि आस-पास के वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और पूरे इलाके में मलबा बिखर गया.
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