New-age Stocks : वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 11 में से 7 न्यू एज लिस्टेड कंपनियों को हुआ घाट, फिर भी निवेशकों का जोश हाई! – new-age stocks 7 out of 11 new-age listed companies suffered losses in the second quarter of fy2026 yet investor enthusiasm remains high

New-age stocks : मनीकंट्रोल के विश्लेषण से पता चलता है कि अब तक वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित करने वाली 11 लिस्टेड टेक और इंटरनेट कंपनियों में से सात ने तीन महीने की अवधि में घाटा दर्ज किया है। हालांकि, इस प्रदर्शन ने निवेशकों का सेंटीमेंट खराब नहीं किया है क्योंकि निवेशक शॉर्ट गिरावट को दरकिनार कर आगे के अच्छे आउट लुक पर दांव लगा रहे हैं। जुलाई-सितंबर की अवधि में, डेल्हीवरी, स्विगी, मोबिक्विक, अर्बन कंपनी, इक्सिगो, ब्लूस्टोन और ओला इलेक्ट्रिक सभी को घाटा हुआ है। सालाना आधार पर कुछ कंपनियों का प्रॉफिट प्रोफ़ाइल और भी खराब हो गया है।

निवेशकों का जोश हाई

ट्रैवल सॉल्यूशंस कंपनी इक्सिगो और फिनटेक प्लेटफॉर्म मोबिक्विक को एक मुश्त खर्च के कारण बड़े पैमाने पर घाटा हुआ है। स्विगी और अर्बन कंपनी जैसी अन्य कंपनियों के मुनाफे में भी गिरावट आई है। इन कंपनियों ने बढ़ती प्रतिस्पर्धा से निपटने के लिए मुनाफे की तुलना में ग्रोथ को प्राथमिकता दी है। मार्केट शेयर को बचाए रखने के लिए ये जरूरी भी था।

मार्केट एक्सपर्ट अंबरीश बालिगा का कहना है कि कई तकनीकी कंपनियां कंपाउंडिंग और ग्रोइंग फेज में है। इसी वजह से उनके शॉर्ट टर्म मुनाफ़े पर असर पड़ रहा है। उन्होंने आगे कहा,”जब तक इन नए ज़माने की कंपनियों के कोर बिजनेस में बढ़त हो रही हैं और ये मुनाफ़े में रहते हुए नए वर्टिकल्स जोड़ती रहेंगी, तब तक इनमें निवेशकों की दिलचस्पी बनी रहेगी।”

ऐसी कंपनियों में आमतौर पर नए वर्टिकल ही घाटे के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। कई बार इनका एक वर्टिकल मुनाफे में रहता है और दूसरा वर्टिकल निवेश के चरण में रहता है। जिसकी वजह से उन्हें घाटा होता है। दो-तीन साल बाद, इन टेक कंपनियों के दो या तीन वर्टिकल मुनाफे में होंगे और एक वर्टिकल घाटे में, इसलिए कुल मिलाकर वे मुनाफे में होंगी। बालिगा ने आगे कहा कि निवेशक उसी पुराने विचार पर अड़े नहीं रह सकते। अब किसी बिजनेस को केवल एक खास और पारंपरिक तरीके से ही नहीं चलाया जा सकता है। दुनिया बदल रही है।

लिस्टेड टेक कंपनियों में ठीक यही हो रहा है। उदाहरण के लिए,अर्बन कंपनी को ही लीजिए। इसको वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 59 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ,जो वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में हुए 2 करोड़ रुपये के घाटे से कहीं ज़्यादा है। कंपनी ने तिमाही के दौरान इंस्टाहेल्प में भारी निवेश किया। इसके अलावा, उसने नेटिव में भी निवेश किया। इन सबका मुनाफे पर असर पड़ा है। लेकिन इससे भविष्य में रेवेन्यू ग्रोथ में मदद मिलने की संभावना है। इसी वजह के निवेशकों की इसमें रुचि बनी हुई है

एक्सपर्ट्स का कहना है कि हर कंपनी को बाज़ार के मुताबिक ढलने में कुछ तिमाहियां लग जाती हैं। फिर,अच्छे और दिलचस्प व्यावसायिक मॉडल और मुनाफ़े की संभावना वाली कंपनियां ही निवेशकों के फोकस में रहती हैं। बाकी कंपनियां पीछे छूट जाती हैं।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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