Share Markets: शेयर बाजार में होगी बुल्स की वापसी? 13 महीने बाद बढ़ी भारत की रेटिंग – goldman sachs upgrades india to overweight after 13 months will bulls return to dalal street

भारतीय शेयर बाजार के लिए एक अच्छी खबर आई है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने करीब 13 महीने बाद भारत की रेटिंग बढ़ाकर ‘ओवरवेट’ कर दी है। मतलब साफ है अब विदेशी निवेशक भारत को लेकर फिर से बुलिश यानी आशावादी हो गए हैं। इतना ही नहीं गोल्डमैन सैक्स ने निफ्टी के लिए 29,000 का टारगेट तय किया है, जो इसमें मौजूदा स्तर से करीब 14 प्रतिशत की तेजी की उम्मीद है। इस खबर के आते ही आज भारतीय शेयर बाजार में रौनक लौट आई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लगातार तीन दिनों की गिरावट बाद आज हरे निशान में बंद हुए।

तो सवाल ये है कि आखिर गोल्डमैन सैक्स की यह रेटिंग इतनी अहम क्यों है? भारतीय शेयर बाजार पर इसका क्या असर पड़ेगा और वे कौन-कौन से थीम हैं, जिनमें गोल्डमैन सैक्स को सबसे अधिक तेजी की उम्मीद दिख रही हैं? आइए इस सबको विस्तार से जानते हैं।

चलिए सबसे पहले समझते हैं, गोल्डमैन सैक्स का 13 महीने बाद लिया गया यह यू-टर्न आखिर क्यों अहम है। अक्टूबर 2024 में इसी गोल्डमैन सैक्स ने भारत की रेटिंग को ‘ओवरवेट’ से घटाकर ‘न्यूट्रल’ कर दी थी। तब ब्रोकरेज ने कहा था कि भारत का शेयर मार्केट महंगा है, अर्निंग्स ग्रोथ धीमी है और विदेशी निवेशक लगातार पैसा निकाल रहे हैं। साल 2025 में अब तक भारत का प्रदर्शन बाकी इमर्गिंज देशों की तुलना में कमजोर रहा है।

अमेरिकी डॉलर के हिसाब से भारतीय शेयर बाजार इस साल अब तक सिर्फ 3% चढ़े हैं, जबकि बाकी मार्केट्स 30% तक चढ़ गए। गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक ये पिछले 20 साल का सबसे बड़ा अंतर है। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। ब्रोकरेज को लगता है कि अगले एक साल में भारतीय शेयर बाजार फिर से रफ्तार पकड़ेगे और इसका प्रदर्शन दुनिया के बाकी देशों से अच्छा रहेगा।

अब सवाल आता है कि गोल्डमैन सैक्स का ये अपग्रेड इतना बड़ा मामला क्यों है? देखिए, गोल्डमैन सैक्स दुनिया की सबसे बड़ी इन्वेस्टमेंट बैंकों में से एक है। इसके रेटिंग बदलने से विदेशी निवेशकों का सेंटीमेंट बहुत प्रभावित होता है। ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत की ग्रोथ अब चार मजबूत पिलर्स पर टिकी है-

1. Policy Support – यानी सरकार की स्थिर और सपोर्टिव नीतियां,

2. Earnings Revival – यानी कंपनियों के मुनाफे में फिर से तेजी,

3.बेहतर Foreign Positioning – विदेशी निवेशकों की बाजार में वापसी,

4. Defensible Valuations – यानी वैल्यूएशन अब पहले से आकर्षक हो गया है।

गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि विदेशी निवेशकों ने पिछले एक साल में भारतीय शेयर बाजार से करीब 30 अरब डॉलर निकाले हैं। साथ ही विदेशी म्यूचुअल फंडों की हिस्सेदारी पिछले 20 सालों के सबसे निचले स्तर पर आ गई है। इसके चलते न सिर्फ भारतीय मार्केट का वैल्यूएशन नीचे आया है, बल्कि मार्केट को Under-Owned बना दिया है। यानि अब जैसे-जैसे विदेशी निवेशक वापस लौटेंगे, मांग बढ़ेगी और मार्केट तेजी से ऊपर जा सकता है।

गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक निफ्टी 50 दिसंबर 2026 तक 29,000 तक जा सकता है। वो भी मौजूदा स्तर से करीब 14% ऊपर! उसका मानना है कि भारत में कमोडिटी प्राइस कंट्रोल में हैं, फिस्कल डेफिसिट घट रहा है, और कॉरपोरेट अर्निंग्स में सुधार दिख रहा है। यानि मैक्रो और माइक्रो दोनों लेवल पर कहानी मजबूत हो रही है।

अब आते हैं उस हिस्से पर जो निवेशकों के लिए सबसे अहम है, गोल्डमैन सैक्स को किन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा उम्मीद है?

1. फाइनेंशियल (Financials)

ब्रोकरेज का कहना है कि बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर की क्रेडिट ग्रोथ तेज है, लोन डिफॉल्ट्स कम हो रहे हैं, और एसेट क्वालिटी मजबूत बनी हुई है। इसलिए साल 2026 तक 15% प्रॉफिट ग्रोथ की उम्मीद है।

2. कंज्यूमर सेक्टर (Consumer Sector)

इसमें कंज्यूमर स्टेपल्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर शामिल है। ब्रोकरेज का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ने, टैक्स में कटौती और चुनावी साल में होने वाले खर्च से मांग बढ़ने की संभावना है।

3. डिफेंस सेक्टर (Defence Sector)

सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी पॉलिसी से डिफेंस कंपनियों की ऑर्डर बुक मजबूत बनी हुई हैं। इसलिए इस सेक्टर को भी उसने ओवरवेट की रेटिंग दी है।

4. Oil Marketing & Telecom Sector

गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि यहां मार्जिन बेहतर हैं और डिजिटल पेंट्रेशन से इनका कस्टमर बेस लगातार बढ़ रहा है।

5. New Economy & Energy Security

ब्रोकरेज का कहना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और ग्रीन एनर्जी में सरकारी प्रोत्साहन और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट दोनों ही बढ़ रहे हैं। ऐसे में ये सेक्टर आने वाले सालों में निवेशकों के लिए काफी मौके बना सकता है।

वहीं, दूसरी ओर आईटी, फार्मा और एक्सपोर्ट-ड्रिवन सेक्टर्स पर गोल्डमैन ने फिलहाल Underweight की रेटिंग दी है, क्योंकि इन सेक्टर्स की वैल्यूएशन अभी भी ऊंची है और ग्रोथ लिमिटेड दिखती है।

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