हर रिश्ते की शुरुआत बातों, हंसी-मजाक और एक-दूसरे को जानने की दिलचस्पी से होती है. शुरुआती दिनों में कपल हर छोटी-बड़ी बात शेयर करते हैं, लेकिन समय के साथ यह जोश धीरे-धीरे खत्म होने लगता है. कपल्स के बीच बातचीत कम होती जाती है और रिश्तो में खामोशी अपनी जगह ले लेती है.
यही साइलेंस कभी सुकून का होता है तो कभी रिश्तो में तनाव का कारण भी बन जाता है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि रिलेशनशिप में साइलेंस कंफर्ट का संकेत है या किसी परेशानी की शुरुआत होती है.
रिलेशनशिप में साइलेंस के दो रूप
रिलेशनशिप में साइलेंस के दो पहलू माने जाते हैं. एक गहराई और सहजता का प्रतीक होता है और दूसरा इमोशनल दूरी और अनकही नाराजगी को दर्शाता है. अगर रिश्ता मजबूत और भरोसेमंद है तो यह खामोशी एक-दूसरे की उपस्थिति में सुकून का एहसास कराती है. लेकिन अगर यह चुप्पी भारी लगने लगे तो यह रिश्ते में बढ़ती दूरियों का भी संकेत हो सकती है.
कब जरूरी मानी जाती है रिलेशनशिप में साइलेंस?
कई बार शब्दों से ज्यादा साइलेंस बहुत कुछ कह जाता है. जब पार्टनर एक-दूसरे के साथ सहज हो तो हर बात कहने की जरूरत नहीं होती है. यह साइलेंस एक तरह का इमोशनल कनेक्शन दिखता है, जहां दोनों बिना कुछ बोले एक-दूसरे को समझ लेते हैं. यही साइलेंस रिलेशनशिप के मजबूती की निशानी माना जाता है.
कब बन जाता है साइलेंस खतरनाक?
वहीं जब रिलेशनशिप में बातचीत पूरी तरह रुक जाए या आपको लगे कि आपकी बात सुनी नहीं जा रही है तो यही साइलेंस धीरे-धीरे तनाव में बदल जाता है. यह चुप्पी अक्सर अनसुलझी लड़ाई, नाराजगी या भरोसे की कमी को लेकर आती है. वहीं अगर इस साइलेंस को समय रहते खत्म नहीं किया जाता है तो यह दीवार रिलेशनशिप को कमजोर कर देती है. रिलेशनशिप में इस तरह की खामोशी को मनोविज्ञान में साइलेंट ट्रीटमेंट कहा जाता है. जब कोई व्यक्ति नाराज होकर सामने वाले से बात करना बंद कर देता है. ऐसा व्यवहार सामने वाले में असुरक्षा और बेचैनी पैदा करता है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बहस से ज्यादा तकलीफ उस समय होती है जब कोई कुछ नहीं कहता है.
रिलेशनशिप में लोग ऐसा क्यों करते हैं?
- कई बार लोग टकराव से बचने के लिए साइलेंस का सहारा ले लेते हैं.
- इसके अलावा कुछ इसे कंट्रोल या इमोशनल पावर दिखाने का जरिया बनाते हैं.
- वहीं कोई अपने गुस्से को दबाने के लिए भी साइलेंट हो जाता है और बात बंद कर देता है.
- इसके अलावा कुछ लोगों में अपनी भावनाएं व्यक्त करने की क्षमता कम होती है, इसलिए वह बोलने की बजाय साइलेंट रहना पसंद करते हैं.
कैसे तोड़े रिलेशनशिप का साइलेंस?
- रिलेशनशिप में साइलेंस खत्म करने के लिए यह समझने की कोशिश करें कि सामने वाला चुप क्यों है.
- इसके अलावा शांत रहकर पहल करें कि बातचीत फिर से कैसे शुरू हो सके.
- रिलेशनशिप में साइलेंस खत्म करने के लिए दोनों तरफ से पूरी तरह से बात बंद करने की बजे धीरे-धीरे बात शुरू करें.
- इसके अलावा साइलेंस खत्म करने के लिए अपनी बाउंड्री तय करें और अपने-अपने इमोशन को साफ शब्दों में रखें.
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