मुंबई के इन्वेस्टर ने ₹5 करोड़ के विड्रॉल विवाद पर Zerodha को निशाने पर लिया, जानिए कौन हैं अनिरुद्ध मालपानी? – who is aniruddha malpani the mumbai investor behind the zerodha five crore withdrawal controversy

Zerodha controversy: मुंबई के एक निवेशक का सोशल मीडिया पोस्ट उस समय सुर्खियों में आ गया, जब उन्होंने एक ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्म पर आरोप लगाया कि वह उनके डिमैट अकाउंट से 5 करोड़ रुपये से ज्यादा निकालने नहीं दे रही।

पोस्ट के मुताबिक, डॉ. अनिरुद्ध मालपानी के अकाउंट में करीब 18 करोड़ रुपये की विड्रॉएबल बैलेंस थी। फर्म के नियमों के हिसाब से उनकी पेआउट रिक्वेस्ट चेक करने के बाद प्रोसेस भी कर दी गईं। लेकिन, कई यूजर्स को इतने बड़े अमाउंट पर शक हुआ और उन्होंने इस पर बहस छेड़ दी।

‘वे मेरे पैसे का फ्री में इस्तेमाल करते हैं’

पेशे से आईवीएफ स्पेशलिस्ट और एंजल इन्वेस्टर डॉ. मालपानी ने अपने अकाउंट के स्क्रीनशॉट्स X (पहले ट्विटर) पर शेयर किए। इनमें उनका कुल अकाउंट वैल्यू 42.9 करोड़ रुपये दिख रहा था, जिसमें से 24.46 करोड़ रुपये ट्रेड में फंसे हुए थे और 18.46 करोड़ रुपये विड्रॉएबल बैलेंस में थे। उन्होंने लिखा कि प्लेटफॉर्म ने एक दिन में 5 करोड़ रुपये से ज्यादा निकालने पर रोक लगा दी है।

उनका कहना था, ‘वे मुझे मेरा खुद का पैसा निकालने नहीं देते, कहते हैं कि रोजाना की लिमिट 5 करोड़ रुपये है। वे मेरे पैसे का मुफ्त में इस्तेमाल करते हैं!’

उनके शेयर किए स्क्रीनशॉट में ऐप पर लिखा था- ‘एक दिन में अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक ही निकाला जा सकता है। इंस्टेंट विड्रॉल के लिए लिमिट ₹100 से ₹2 लाख तक है। विदड्रॉअल लिमिट अकाउंट में उपलब्ध बैलेंस पर निर्भर करती है।’

ब्रोकरेज फर्म की सफाई

इस पोस्ट पर Zerodha के को-फाउंडर नितिन कामत ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. मालपानी की विड्रॉल रिक्वेस्ट पहले ही प्रोसेस हो चुकी थी। उन्होंने लिखा, ‘सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए कुछ लिमिट्स जरूरी होती हैं। जैसे बाकी वित्तीय संस्थाओं में भी होती हैं। अगर पैसे एक बार ट्रांसफर हो जाएं, तो उन्हें रिकवर करना नामुमकिन होता है। इसलिए ₹5 करोड़ की सीमा के बाद ग्राहक को टिकट बनाकर विदड्रॉअल के लिए आवेदन करना पड़ता है।’

सोशल मीडिया पर शुरू हुई बहस

पोस्ट वायरल होते ही इंटरनेट पर बहस छिड़ गई। कुछ यूजर्स ने इतने बड़े अमाउंट पर सवाल उठाए, तो कई लोगों ने उन्हें सलाह दी कि इतनी संवेदनशील वित्तीय जानकारी सार्वजनिक न करें।

एक यूजर ने लिखा, ‘₹18 करोड़ अकाउंट में क्यों रखे हैं? आखिर यह एक डिस्काउंट ब्रोकरेज है। इतनी बड़ी रकम फुल-सर्विस ब्रोकरेज में रखना ज्यादा सुरक्षित होता। कृपया अपनी जानकारी सार्वजनिक न करें।’ इस पर डॉ. मालपानी ने जवाब दिया, ‘मैं F&O ट्रेडिंग नहीं करता। मैंने शेयर बेचे हैं और अब यह पैसा सामाजिक कामों में लगाना चाहता हूं।’

कुछ यूजर्स ने मजाकिया लहजे में भी प्रतिक्रिया दी। किसी ने लिखा, ‘इतने पैसे तो हमारे पास होते ही नहीं,’ तो किसी ने कहा, ‘ऐसे प्रॉब्लम्स तो लाइफ में हमें भी चाहिए।’

इंडस्ट्री एक्सपर्ट बोले – लिमिट जरूरी है

Tax Compass के फाउंडर और सीईओ अजय रोटी ने कहा, ‘मैं ऐसे ब्रोकर के साथ काम करना पसंद करूंगा जो सुरक्षा के लिए ऐसी लिमिट रखता हो। इससे ग्राहकों के अकाउंट को फ्रॉड से बचाया जा सकता है।’

उन्होंने कहा कि जैसे बैंक और ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम्स में रोजाना ट्रांजैक्शन लिमिट होती है, वैसे ही ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म पर भी यह जरूरी है। अजय ने कहा, ‘यह लिमिट सुरक्षा के लिए होती है ताकि कोई गलत ट्रांजैक्शन न हो। जरूरत पड़ने पर ग्राहक इसे बढ़वा भी सकते हैं।’

कौन हैं डॉ. अनिरुद्धा मालपानी

डॉ. अनिरुद्धा मालपानी मुंबई के जाने-माने IVF एक्सपर्ट, उद्यमी और एंजल इन्वेस्टर हैं। उन्होंने 1991 में मालपानी इनफर्टिलिटी क्लिनिक की स्थापना की थी।

मार्केट डेटा प्लेटफॉर्म Tracxn के मुताबिक, उन्होंने अब तक 30 से ज्यादा कंपनियों में निवेश किया है। इनमें एंटरप्राइज टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और कई स्टार्टअप शामिल हैं। उनका हालिया निवेश जनवरी 2025 में Nexxio के सीड राउंड में हुआ था। वे आज भी मालपानी इनफर्टिलिटी क्लिनिक के बोर्ड में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

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