
सर्दी में जब तापमान गिरता है तो मिट्टी जल्दी ठंडी हो जाती है और जड़ें जम सकती हैं. इसे रोकने का सबसे आसान तरीका मल्चिंग है. मल्चिंग का मतलब पौधों के आस-पास सूखी पत्तियां, लकड़ी के बुरादे, भूसा या नारियल के छिलके की 3 से 5 इंच मोटी परत बिछाना है. यह परत मिट्टी की नमी बनाए रखती है और पौधों की जड़ों को गर्म रखती है. इससे पौधे ठंड और पाले से बचे रहते हैं.

ठंड के मौसम में पौधों को ज्यादा पानी देना नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि सर्दी में मिट्टी देर से सूखती है और अगर उसमें पानी ज्यादा भर जाए तो जड़ें गलने लगती हैं. इसलिए पानी तभी दें जब मिट्टी की ऊपरी 2 से 3 इंच सतह सूख जाए. आप उंगली डालकर या लकड़ी की स्टिक से चेक कर सकते हैं कि मिट्टी में नमी है या नहीं.

सर्दी की ठंडी हवा से पौधों की पत्तियां अकसर मुरझा जाती हैं. ऐसी सूखी या पीली पत्तियां पौधे से पोषक तत्व खींच लेती हैं, जिससे नई ग्रोथ रुक जाती है. इसलिए प्रूनिंग यानी काट-छांट जरूर करें. मुरझाई या सूखी टहनियों को कैंची से हटा दें. इससे पौधा नई पत्तियां और फूल देने के लिए एनर्जी जुटा पाएगा.

जनवरी के महीने में पाला और कोहरा ज्यादा पड़ता है. इस समय इनडोर मूविंग यानी गमलों को घर के अंदर लाना सबसे अच्छा तरीका है. पौधों को घर के किसी धूप वाले कोने या खिड़की के पास रखें, जहां उन्हें सुबह की हल्की धूप मिले. इससे पौधे को ठंड से बचाव और विटामिन D दोनों मिलेंगे.

गार्डन के पौधों को ठंड से ढकें, जो पौधे जमीन में या बड़े गार्डन में लगे हैं, उन्हें आप घर के अंदर नहीं ला सकते है. ऐसे पौधों को बचाने के लिए उन्हें किसी कवर से ढक दें. इसके लिए आप फैब्रिक प्लांट कवर, पॉलीथिन शीट, कार्डबोर्ड बॉक्स या पुरानी चादर का यूज कर सकते हैं. रात में पौधों को ढक दें और दिन में हल्की धूप आने पर कवर हटा दें, ताकि पौधे सांस ले सकें.

सर्दियों में सूरज की रोशनी बहुत कीमती होती है. कोशिश करें कि आपके पौधों को रोज कम से कम 3 से 4 घंटे की धूप मिले. अगर घर की दिशा ऐसी है कि सीधी धूप नहीं आती, तो पौधों को कुछ दिनों के लिए बालकनी या छत पर रख सकते हैं. धूप से पौधों में एनर्जी बनती है और ठंड से बचाव भी होता है.

सर्दियों में पौधों की ग्रोथ धीमी होती है, इसलिए ज्यादा खाद देने से फायदा नहीं बल्कि नुकसान हो सकता है. इस मौसम में आप कम मात्रा में ऑर्गेनिक खाद डालें. यह मिट्टी को गर्म रखेगा और पौधे को धीरे-धीरे पोषण देगा. जब मौसम थोड़ा गर्म होने लगे, तब फिर से नियमित खाद डालना शुरू करें.
Published at : 04 Nov 2025 04:35 PM (IST)
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