बिहार में जारी चुनावी सरगर्मी के बीच चुनाव आयोग मंगलवार (4 नवंबर 2025) से देश के 12 राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) प्रक्रिया शुरू कर देगा. पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में राज्यों में वोटर आईडी के सत्यापन का काम शुरू हो जाएगा. इस बार SIR प्रक्रिया में बिहार की तरह सिर्फ आधार कार्ड मान्य नहीं है. इसके तहत मतदाता के घर-घर जाकर एनुमरेशन फॉर्म बांटने का काम शुरू कर दिया जाएगा और 4 दिसंबर 2025 को ये फॉर्म जमा किए जाएंगे.
चुनाव आयोग करेगा बंगाल का दौरा
चुनाव आयोग का एक दल एसआईआर की समीक्षा के लिए 5 से 8 नवंबर तक पश्चिम बंगाल का दौरा कर सकता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग के प्रधान सचिव एस बी जोशी और उप सचिव अभिनव अग्रवाल के नेतृत्व में दल बंगाल के कूचबिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी जिलों का निरीक्षण कर सकता है. आकलन करेंगे कि बीएलओ और रिटर्निंग अधिकारी आरओ अपने कर्तव्यों का पालन कैसे कर रहे हैं.
दूसरे चरण के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुदुचेरी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में एसआईआर होना है. इनमें से चार राज्यों तमिलनाडु, पुदुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इस दौरान संबंधित बीएलओ तीन बार लोगों के घर जाएंगे. वोटर लिस्ट का फाइनल पब्लिकेशन अगले फरवरी 2025 को किया जाएगा.
एसआईआर के लिए ये 13 दस्तावेज जरूरी
एसआईआर के लिए बर्थ सर्टिफिकेट, 10वीं या किसी अन्य परीक्षा का सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, सरकारी जमीन और मकान के कागजात, जाति प्रमाण-पत्र, मूल निवास प्रमाण-पत्र, सरकारी नौकरी का पहचान पत्र या पेंशन पेमेंट ऑर्डर, परिवार रजिस्टर की कॉपी, आधार कार्ड से जुड़ी आयोग की दिशा-निर्देश, NRC की एंट्री, 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई भी पहचान पत्र, सरकार की ओर से जारी भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र जैसे डॉक्यूमेंट मान्य होंगे. जिन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईर होने हैं वहां 51 करोड़ मतदाता हैं.
9 दिसंबर को जारी होगा ड्राफ्ट वोटर लिस्ट
निर्वाचन आयोग 9 दिसंबर को मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी करेगा और अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2025 को प्रकाशित की जाएगी. इससे पहले 2002-04 में एसआईआर किया गया था. आयोग का मानना है कि एसआईआर से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए और किसी भी अपात्र मतदाता का नाम मतदाता सूची में नहीं रहे. एसआईआर का प्राथमिक उद्देश्य अवैध विदेशी प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें सूची से बाहर निकालना है.
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