
राजस्थान में पिछले कई दिनों से लगातार हादसे सामने आ रहे हैं. पहले जयपुर, जैसलमेर और जोधपुर में दर्दनाक हादसों में 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. आलम ये है कि हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे. सोमवार (3 नवंबर) को जयपुर के हरमाड़ा में बेकाबू डंपर ने कई गाड़ियों को टक्कर मार दी, जिसमें करीब 12 लोगों की मौत हो गई.

ज्यादातर हादसे आग लगने या सड़क पर हुए जिसमें बहुत से लोगों की जान चली गई, जिनका कोई कसूर नहीं था. कई मामलों में बस ड्राइवरों की लापरवाही सामने आई तो कई बार सिस्टम की. लेकिन इन हादसों के बाद कई सवाल उठ रहे हैं.

इससे एक रात पहले जोधपुर फलौदी में भीषण सड़क हादसा हुआ जहां, करीब 15 लोगों की जान चली गई. यहां श्रुद्धालुओं से भरा टेंपो ट्रैवलर खड़े ट्रेलर में घुस गया. ट्रैवलर में सवार ज्यादातर लोगों की मौत हो गई.

वहीं हाल ही में जयपुर दिल्ली हाईवे पर मनोहरपुरा के पास यात्रियों से भरी बस हाईटेंशन तार की चपेट में आ गई. इस हादसे में तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई लोग झुलस गए. बस में रखे कई गैस सिलेंडरों में ब्लास्ट हो गया.

इससे पहले 14 अक्टूबर को जैसलमेर में भी बड़ा सड़क हादसा हुआ, जिसमें 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. बस में शॉर्ट सर्किट होने के चलते लगी इस आग ने कई मुसाफिरों की जान ले ली.

वहीं 6 अक्टूबर को राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने से हादसा हो गया. इसमें छह से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी.
Published at : 03 Nov 2025 11:18 PM (IST)
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