जस्टिस सूर्यकांत भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने वाले हैं. औपचारिक रूप से उन्हें भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में नियुक्त किया गया है. केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि भारत के राष्ट्रपति ने 24 नवंबर, 2025 से न्यायमूर्ति सूर्यकांत को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के लिए अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग किया है.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत को 24 नवंबर, 2025 से भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है. मैं उन्हें हार्दिक बधाई देता हूं.
बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई द्वारा की गई सिफारिश के बाद हुई है. बी. आर. गवई 23 नवंबर 2025 को पदमुक्त हो रहे हैं. न्यायमूर्ति गवई के बाद सबसे वरिष्ठ होने के नाते, न्यायमूर्ति सूर्यकांत अब भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे और उनका कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक होने वाला है.
हरियाणा के हिसार के एक मिडिल क्लास परिवार में 10 फरवरी, 1962 को सूर्यकांत का जन्म हुआ था. वह सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई गवई के बाद सबसे सीनियर जज हैं. सूर्यकांत ने 1981 में गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, हिसार से ग्रेजुएशन किया था. इसके बाद 1984 में रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई पूरी की थी. इस यूनिवर्सिटी से उन्होंने बैचलर की डिग्री पूरी की थी. उसी साल 1984 में ही उन्होंने हिसार के जिला अदालत में प्रैक्टिस शुरू की थी. बाद में 1985 में वे पंजाब एंव हरिय़ाणा हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करने के लिए चंडीगढ़ आ गए थे.
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सूर्यकांत की प्रतिभा और मेहनत ने उन्हें बहुत कम उम्र में बड़ी जिम्मेदारियां दिलाईं. 7 जुलाई 2000 को वे हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने थे. अगले ही वर्ष उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा मिला, जिसने उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया. यहां पढ़ें जस्टिस सूर्यकांत के कैरियर से जुड़ी अधिक जानकारी
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