
आज ChatGPT जैसे मॉडल प्रोग्रामिंग टेस्ट में डेवलपर्स को पछाड़ रहे हैं. Sora, Runway और Google VEO 3 जैसे टूल्स केवल टेक्स्ट से पूरे वीडियो बना सकते हैं. AI वीडियो एडिटिंग, वॉइसओवर और ईमेल ड्राफ्टिंग जैसे काम भी आसानी से कर रहा है. अगर आपका काम शब्दों, आंकड़ों या पैटर्न पर आधारित है तो संभावना है कि AI उसे तेज़, सस्ता और शायद बेहतर कर पाएगा.

यही वजह है कि UBI (Universal Basic Income) की चर्चा बढ़ रही है. UBI एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें सरकार हर नागरिक को नियमित अंतराल पर एक निश्चित रकम देती है, चाहे वह अमीर हो या गरीब, नौकरी कर रहा हो या नहीं. इसका मकसद लोगों की बुनियादी ज़रूरतें जैसे खाना, घर और स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है.

UBI की खासियत यह है कि यह यूनिवर्सल है जिसका मतलब है कि ये सभी को मिलता है. इसके अलावा इसके लिए किसी योग्यता की ज़रूरत नहीं होती है. ये लाभ हर व्यक्ति को मिलता है. यह एक नियमित सिस्टम है यानी आपको समय-समय पर पैसे मिलेंगे.

बड़े टेक लीडर्स का मानना है कि UBI ही AI से होने वाले बड़े बदलाव का समाधान है. सैम ऑल्टमैन (CEO, OpenAI) ने 2016 में एक स्टडी फंड की थी जिसमें कम आय वाले लोगों को तीन साल तक हर महीने $1,000 मिले. नतीजों में पाया गया कि लोगों ने ज्यादातर पैसा ज़रूरतों पर खर्च किया और थोड़ी कम मेहनत की. एलन मस्क (CEO, Tesla) लंबे समय से UBI के समर्थक हैं. उनका मानना है कि जब AI उत्पादन का बड़ा हिस्सा संभाल लेगा तो मुनाफे का बंटवारा इंसानों में होना चाहिए.

मार्क बेनिओफ (CEO, Salesforce) ने बताया कि उनकी कंपनी में आधा काम अब AI कर रहा है. उनका कहना है कि जैसे-जैसे मशीनें नौकरियां लेंगी UBI न केवल बेरोजगारों बल्कि बच्चों की परवरिश करने वालों और बिना वेतन सेवा करने वालों के लिए भी मददगार होगा.

फिनलैंड, कनाडा और अमेरिका के कुछ शहरों में UBI पर प्रयोग हो चुके हैं. शुरुआती नतीजे बताते हैं कि इससे लोगों की आर्थिक सुरक्षा बढ़ती है और तनाव घटता है बिना उन्हें आलसी बनाए. लेकिन इसे बड़े स्तर पर लागू करना मुश्किल है. इसी कारण सरकारें CBDC (Central Bank Digital Currency) पर काम कर रही हैं. यह डिजिटल मुद्रा होती है जिसे सरकार नियंत्रित कर सकती है. मसलन, UBI की राशि को शराब, लग्जरी सामान या हवाई टिकट पर खर्च करने से रोका जा सकता है.

भारत में भी डिजिटल रुपया (CBDC) लॉन्च हो चुका है. यह सामान्य रुपये जैसा ही है, बस डिजिटल रूप में. इसे नकद की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है और बैंक खाते में बदला भी जा सकता है. भारत में UBI पूरी तरह नया विचार नहीं है लेकिन जैसे-जैसे AI और ऑटोमेशन देश की नौकरियों पर असर डालेंगे, इसकी चर्चा और तेज़ हो सकती है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसे फंड कौन करेगा और इसके साथ कितना नियंत्रण जोड़ा जाएगा. टेक लीडर्स मानते हैं कि UBI भविष्य की ज़रूरत है लेकिन इसकी राह में अब भी कई चुनौतियां भी शामिल हैं.
Published at : 29 Oct 2025 04:05 PM (IST)
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