Early warning signs of heart problems: कैसे पता चलेगा आपका हार्ट सही से पंप नहीं कर रहा ब्लड? ये 10 लक्षण दिखें तो तुरंत हो जाएं अलर्ट

अगर आपको बार-बार हल्का चक्कर आए, आंखो के सामने धुंधला दिखे या बेहोश होने जैसा लगे, तो यह ब्रेन तक पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त खून न पहुंचने का संकेत हो सकता है. इसे कमजोरी समझकर न टाले, खासकर अगर यह बार-बार या सामान्य काम करते हुए हो रहा है.

अगर आपको बार-बार हल्का चक्कर आए, आंखो के सामने धुंधला दिखे या बेहोश होने जैसा लगे, तो यह ब्रेन तक पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त खून न पहुंचने का संकेत हो सकता है. इसे कमजोरी समझकर न टाले, खासकर अगर यह बार-बार या सामान्य काम करते हुए हो रहा है.

रात को बार-बार उठना, खांसते-खांसते नींद टूटना या लेटते ही सांस फूलने लगना, यह हार्ट से जुडा संकेत हो सकता है. हार्ट फेल्योर की समस्या लेटते समय और बढ़ जाती है, क्योंकि उस वक्त शरीर में फ्लूइड शिफ्ट होता है और सांस लेना मुश्किल हो जाता है.

रात को बार-बार उठना, खांसते-खांसते नींद टूटना या लेटते ही सांस फूलने लगना, यह हार्ट से जुडा संकेत हो सकता है. हार्ट फेल्योर की समस्या लेटते समय और बढ़ जाती है, क्योंकि उस वक्त शरीर में फ्लूइड शिफ्ट होता है और सांस लेना मुश्किल हो जाता है.

हार्ट में चुभन, दबाव या भारीपन जैसी अनुभव हार्ट प्रॉब्लम की तरफ इशारा कर सकती है. यह एंजाइना हार्ट तक खून कम पहुंचना या हार्ट अटैक का शुरुआती लक्षण हो सकता है. हल्का या बीच-बीच में आने वाला दर्द भी नजरअंदाज नही करना चाहिए.

हार्ट में चुभन, दबाव या भारीपन जैसी अनुभव हार्ट प्रॉब्लम की तरफ इशारा कर सकती है. यह एंजाइना हार्ट तक खून कम पहुंचना या हार्ट अटैक का शुरुआती लक्षण हो सकता है. हल्का या बीच-बीच में आने वाला दर्द भी नजरअंदाज नही करना चाहिए.

अगर सीढ़ियां चढ़ना, थोड़ी दूर पैदल चलना या घर का साधारण काम अचानक से भारी लगने लगे, तो यह संकेत है कि हार्ट शरीर की जरूरत के हिसाब से ब्लड पंप नही कर पा रहा. इसे एक्सरसाइज इंटॉलरेंस कहते है और यह हार्ट फंक्शन के कमजोर होने का शुरुआती लक्षण है.

अगर सीढ़ियां चढ़ना, थोड़ी दूर पैदल चलना या घर का साधारण काम अचानक से भारी लगने लगे, तो यह संकेत है कि हार्ट शरीर की जरूरत के हिसाब से ब्लड पंप नही कर पा रहा. इसे एक्सरसाइज इंटॉलरेंस कहते है और यह हार्ट फंक्शन के कमजोर होने का शुरुआती लक्षण है.

2 से 3 किलो वजन कुछ ही दिनों में बढ़ जाना सामान्य मोटापा नही, बल्कि शरीर में फ्लूइड जमा होने का संकेत है. यह तब होता है जब दिल ब्लड को ठीक से पंप नही कर पाता और किडनी उस फ्लूइड को बाहर नही निकाल पाती.

2 से 3 किलो वजन कुछ ही दिनों में बढ़ जाना सामान्य मोटापा नही, बल्कि शरीर में फ्लूइड जमा होने का संकेत है. यह तब होता है जब दिल ब्लड को ठीक से पंप नही कर पाता और किडनी उस फ्लूइड को बाहर नही निकाल पाती.

लगातार खांसी आना, खासकर सफेद या गुलाबी झागदार बलगम निकलना, फेफड़ो में फ्लूइड जमने का संकेत हो सकता है. इसे अक्सर लोग फेफड़े की समस्या मान लेते है, लेकिन यह दिल से जुडा भी हो सकता है.

लगातार खांसी आना, खासकर सफेद या गुलाबी झागदार बलगम निकलना, फेफड़ो में फ्लूइड जमने का संकेत हो सकता है. इसे अक्सर लोग फेफड़े की समस्या मान लेते है, लेकिन यह दिल से जुडा भी हो सकता है.

दिल का तेज धड़कना, रुक-रुककर धड़कना या फड़फड़ाना, यह इस बात का संकेत हो सकता है कि दिल ब्लड पंप करने में संघर्ष कर रहा है. इसे अरिद्मिया कहा जाता है और यह हार्ट डिजीज का हिस्सा हो सकता है.

दिल का तेज धड़कना, रुक-रुककर धड़कना या फड़फड़ाना, यह इस बात का संकेत हो सकता है कि दिल ब्लड पंप करने में संघर्ष कर रहा है. इसे अरिद्मिया कहा जाता है और यह हार्ट डिजीज का हिस्सा हो सकता है.

लगातार थका हुआ महसूस करना, ऊर्जा की कमी या कमजोरी, भले ही आराम पूरा मिल रहा हो, यह भी हार्ट फेल्योर का संकेत हो सकता है. जब दिल पर्याप्त खून पंप नही करता तो मांसपेशियो और अंगो को ऑक्सीजन और एनर्जी नही मिल पाता.

लगातार थका हुआ महसूस करना, ऊर्जा की कमी या कमजोरी, भले ही आराम पूरा मिल रहा हो, यह भी हार्ट फेल्योर का संकेत हो सकता है. जब दिल पर्याप्त खून पंप नही करता तो मांसपेशियो और अंगो को ऑक्सीजन और एनर्जी नही मिल पाता.

पैरो या टखनो में सूजन पेरिफेरल एडेमा तब होती है जब ब्लड का फ्लो धीमा हो जाता है और फ्लूइड आसपास के ऊतको में जमा होने लगता है. ग्रेविटी की वजह से यह सूजन ज्यादा तर पैरो और टखनो में नजर आती है.

पैरो या टखनो में सूजन पेरिफेरल एडेमा तब होती है जब ब्लड का फ्लो धीमा हो जाता है और फ्लूइड आसपास के ऊतको में जमा होने लगता है. ग्रेविटी की वजह से यह सूजन ज्यादा तर पैरो और टखनो में नजर आती है.

लेटते ही सांस लेने में दिक्कत होना, रात में अचानक उठकर हवा के लिए तरसना या तकिए बढ़ाकर सोना पड़ना यह हार्ट फेल्योर का क्लासिक लक्षण है. इसे ऑर्थोप्निया कहा जाता है और यह तब होता है जब दिल ब्लड को ठीक से पंप नही कर पाता, जिससे फेफड़ो में फ्लूइड जमा होने लगता है.

लेटते ही सांस लेने में दिक्कत होना, रात में अचानक उठकर हवा के लिए तरसना या तकिए बढ़ाकर सोना पड़ना यह हार्ट फेल्योर का क्लासिक लक्षण है. इसे ऑर्थोप्निया कहा जाता है और यह तब होता है जब दिल ब्लड को ठीक से पंप नही कर पाता, जिससे फेफड़ो में फ्लूइड जमा होने लगता है.

Published at : 29 Oct 2025 03:19 PM (IST)

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