Surya Dev Puja: केवल छठ ही नहीं, सूर्य उपासना से जुड़े ये भी पर्व

महापर्व छठ को सूर्य उपासना से जुड़ा महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है, जिसमें डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. हिंदू धर्म में सूर्य के ग्रह के साथ ही देवता के रूप में भी पूजा जाता है.

महापर्व छठ को सूर्य उपासना से जुड़ा महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है, जिसमें डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. हिंदू धर्म में सूर्य के ग्रह के साथ ही देवता के रूप में भी पूजा जाता है.

लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य, तेज, शक्ति, सफलता, संतान कामना आदि के लिए सूर्य देवता की उपासना की जाती है. वैसे तो नियमित रूप से सूर्य देव की उपासना करना फलदायी माना जाता है. लेकिन छठ पर्व में इसका महत्व अन्य दिनों की अपेक्षा काफी बढ़ जाता है.

लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य, तेज, शक्ति, सफलता, संतान कामना आदि के लिए सूर्य देवता की उपासना की जाती है. वैसे तो नियमित रूप से सूर्य देव की उपासना करना फलदायी माना जाता है. लेकिन छठ पर्व में इसका महत्व अन्य दिनों की अपेक्षा काफी बढ़ जाता है.

हालांकि छठ के साथ ही हिंदू धर्म में ऐसे कई पर्व हैं जोकि सूर्य देव की उपासना से जुड़े हैं. आइये जानते हैं इन पर्व-त्योहारों के बारे में.

हालांकि छठ के साथ ही हिंदू धर्म में ऐसे कई पर्व हैं जोकि सूर्य देव की उपासना से जुड़े हैं. आइये जानते हैं इन पर्व-त्योहारों के बारे में.

मकर संक्रांति- सूर्य देव जब मकर राशि में गोचर करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है, जोकि आमतौर पर 14 जनवरी-15 जनवरी को पड़ता है. मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य उत्तरायण भी होते हैं. इस सुबह जल्दी स्नान कर सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है.

मकर संक्रांति- सूर्य देव जब मकर राशि में गोचर करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है, जोकि आमतौर पर 14 जनवरी-15 जनवरी को पड़ता है. मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य उत्तरायण भी होते हैं. इस सुबह जल्दी स्नान कर सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है.

रथ सप्तमी- माघ शुक्ल की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. इसे सूर्य जयंती, माघ सप्तमी, आरोग्य सप्तमी या माघ जंयती जैसे नामों से भी जाना जाता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इसी तिथि पर सूर्य देवता सात घोड़े के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे.

रथ सप्तमी- माघ शुक्ल की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. इसे सूर्य जयंती, माघ सप्तमी, आरोग्य सप्तमी या माघ जंयती जैसे नामों से भी जाना जाता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इसी तिथि पर सूर्य देवता सात घोड़े के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे.

पोंगल- तमिलनाड़ु और दक्षिण भारतीय राज्यों में पोंगल का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है, जोकि चार दिनों तक चलता है. इस पर्व में भी भगवान सूर्य देव की उपासना की जाती है.

पोंगल- तमिलनाड़ु और दक्षिण भारतीय राज्यों में पोंगल का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है, जोकि चार दिनों तक चलता है. इस पर्व में भी भगवान सूर्य देव की उपासना की जाती है.

लोलार्क षष्ठी- संतान की मनोकामना के लिए भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी को लोलार्क षष्ठी पर्व मनाया जाता है. इस दिन वाराणसी में विशेष कुंड में स्नान करने की परंपरा है.

लोलार्क षष्ठी- संतान की मनोकामना के लिए भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी को लोलार्क षष्ठी पर्व मनाया जाता है. इस दिन वाराणसी में विशेष कुंड में स्नान करने की परंपरा है.

Published at : 29 Oct 2025 01:10 PM (IST)

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